जानवरों पर आजमाए गए सौंदर्य प्रसाधनों पर गुरुवार से रोक लग जाएगी.


पशुओं के लिए काम करने वाले संगठन लंबे समय से इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते रहे थे.इस पूरी बहस के एक छोर पर सौंदर्य प्रसाधनों का एक बहुत बड़ा बाज़ार भी है.सुमिरन प्रीत कौर की रिपोर्ट."मुझे ये नहीं पता है कि किस क्रीम का परीक्षण जानवरों पर हुआ है और किस का नहीं. इसलिए मुझे ये नहीं पता कि इस बदलाव का असर कैसा होगा?"ये कहना है दिल्ली की ब्यूटीशियन मीनाक्षी दत्त का उन सौंदर्य उत्पादों पर प्रतिबंध के बारे में, जिन्हें जानवरों पर आजमाया जाता है.ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स नियमों में गुरुवार से लागू हो रहे पाँचवें संशोधन के मुताबिक़ जानवरों पर परीक्षण किए गए कॉस्मेटिक्स का आयात प्रतिबंधित है.ख़ुशी
बहुत सालों से इस मुहिम का हिस्सा रही ‘ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल’ और ‘बी क्रुएलिटी फ़्री कैंपेन’ की आलोकपर्णा सेनगुप्ता कहती हैं, “भारत जो एक प्रगतिशील देश है, उसे वक़्त के साथ कदम मिलाना होगा.”सेनगुप्ता के मुताबिक़, "यूरोपीय यूनियन में पहले से ऐसे उत्पादों का आयात और निर्माण निषेध है. ऊपर से ये तय करना कि आपकी त्वचा के लिए कौन से उत्पाद बेहतर हैं, ये जानने के लिए कई नए तरीके सामने आ चुके हैं.”ज़्यादा मालूम नहीं


मालविका जैन एक टीवी प्रेज़ेंटर हैं. उनके अनुसार उन्हें मालूम है कि कौन सी क्रीम जानवरों पर आजमाई गई है.मालविका कहती हैं, "मुझे पहले नहीं पता था कि कौन सी क्रीम का परीक्षण जानवरों पर किया गया है और किस का नहीं. अगर इससे उत्पादों की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी तब भी मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा. पर हाँ, अगर मुझे चुनना हो तो मैं वही क्रीम चुनूंगी जिसका जानवरों पर परीक्षण नहीं हुआ होगा. अगर वो महंगी भी हो तो भी मैं उसे खरीदूँगी."इंडियन ब्यूटी एंड हाइजीन एसोसिएशन के मुताबिक़ भारत में सौंदर्य प्रसाधन उद्योग जल्द ही 20 हज़ार करोड़ रुपए को छू लेगा. ये अमरीका या यूरोप के मुकाबले भारत में लगभग दो गुनी रफ़्तार से बढ़ रहा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh