भारत सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सोमवार को सरकार की तरफ से जारी एक दस्तावेज में इस बात की जानकारी दी गई है। वहीं इस निर्णय को सुब्रमण्यम स्वामी ने देश विरोधी कदम बताया है।

नई दिल्ली (रॉयटर्स)। सरकार द्वारा एयर इंडिया को बेचने के फैसले को सुब्रमण्यम स्वामी ने देश विरोधी कदम बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह सौदा पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी और मुझे मजबूरन इस निर्णय को लेकर कोर्ट जाना पड़ेगा। हम अपनी फैमिली सिल्वर को बेच नहीं सकते।' भारत सरकार ने सोमवार को बताया कि वह एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सोमवार को जारी एयर इंडिया के एक दस्तावेज में कहा गया कि भारत एयरलाइन में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मार्गों का संचालन करता है। सरकार ने बोली लगाने वाले लोगों को 17 मार्च तक अपना दस्तावेज प्रस्तुत करने का आखिरी समय दिया है। इसके अलावा, भारत सरकार की तरफ से जारी दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि बोली लगाने वाले किसी भी व्यक्ति को अन्य देनदारियों के साथ, एयर इंडिया के लगभग 3.26 बिलियन डॉलर (23,286.5 करोड़ रुपये) के कर्ज को चुकाने पर अपनी सहमति जतानी होगी।

Air India disinvestment process restarts today https://t.co/72eklh9C3g: THIS DEAL IS WHOLLY ANTI NATIONAL and IWILL FORCED TO GO TO COURT. WE CANNOT SELL OUR FAMILY SILVER

— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 27, 2020


2018 में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का किया गया था फैसला
बता दें कि कोई भी प्राइवेट या पब्लिक लिमिटेड कंपनी, भारत या बाहर के रजिस्टर्ड कॉर्पोरेट बॉडी, भारतीय कानून के मुताबिक एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकेंगे। हालांकि, बोली लगाने वाले के पास कम से कम 3500 करोड़ रुपये की संपत्ति होना जरूरी है। इससे पहले, 2018 में सरकार ने 76 प्रतिशत शेयर बेचने की कोशिश की थी लेकिन शर्तों को देखकर कोई भी बोली लगाने के लिए तैयार नहीं हुआ था। शर्त ये था कि खरीदार को कुल 33,392 करोड़ रुपए के कर्ज की जिम्मेदारी लेनी थी। बता दें कि एयर इंडिया के पास भारत के कुछ सबसे आकर्षक अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू लैंडिंग व पार्किंग स्लॉट हैं, जो एयरलाइंस के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Posted By: Mukul Kumar