प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति तो क्‍या भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को भी अब बदलना शुरू कर दिया है. इसका असर अब साफ देखने को मिलने लगा है. एक ओर तो पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आने से लोगों में खुशी है तो वहीं दूसरी ओर सेंसेक्‍स दिन पर दिन नई ऊंचाइयां छू रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार भी इससे अछूता नहीं रहा है.

कुछ ऐसा रहा बढ़त का ग्राफ
खबर है कि 24 अक्टूबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 49.55 करोड़ डॉलर बढ़कर 314.177 अरब डॉलर हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार इससे पूर्व के सप्ताह में यह भंडार 94.56 करोड़ डॉलर बढ़कर 313.682 अरब डॉलर हो गया था. आरबीआई ने कहा कि कुल भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 53.22 करोड़ डॉलर बढ़कर 288.332 अरब डॉलर हो गईं.
अपरिवर्तित रहा भारत का स्वर्ण आरक्षित भंडार
डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को समाहित किए होते हैं. वहीं भारत का स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.013 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा. उधर, रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि विशेष निकासी अधिकार 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.289 अरब डॉलर रह गया, जबकि सप्ताह के दौरान आईएमएफ में देश के मुद्राभंडार की स्थिति 97 लाख डॉलर घटकर 1.542 अरब डॉलर रह गई. वहीं अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के देश की बागडोर संभालने के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में यह बदलाव दिखना शुरू हुआ है.

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Posted By: Ruchi D Sharma