इंडियन इकोनॉमी की बढ़ती ग्रोथ को देखते हुये विभिन्‍न एजेंसियां अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगी हैं. हालांकि इन सभी के बीच अब संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ UN ने भी इंडियन इकोनॉमी के भविष्‍य के बार में शुभ संकेत दे दिये हैं.

साउथ एशिया की आर्थिक स्थिति में सुधार
अलग-अलग एजेंसियों के द्वारा इंडियन इकोनॉमी के लिये मिलने वाले शुभ संकेत के बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी इंडियन इकोनॉमी के भविष्य के बारे में अच्छी उम्मीद जताई है. यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि 2016 तक बढ़कर 6.3 परसेंट तक पहुंच सकती है. इसके साथ ही यूएन का यह भी मानना है कि साउथ एशिया में आर्थिक स्थिति में सुधार में प्रमुख भूमिका निभायेगा. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आर्थिक स्िथति एवं अनुमान' 2015 में कहा गया है कि इंडिया आर्थिक नीति में सुधार लागू करने और कारोबार एवं उपभोक्ता विश्वास को समर्थन प्रदान करने की दिशा में प्रगति कर सकता है.

धीरे-धीरे बढ़ेगा स्तर

इस रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक आर्थिक संकट के प्रभावों का असर अभी बने रहने तथा यूक्रेन और इबोला जैसे नये संकटों के बावजूद वैश्विक आर्थिक वृद्धि में तेजी का सिलसिला दो साल से अधिक समय तक बना रहेगा. हालांकि आंकड़ों पर नजर डालें तो 2015 में ग्लोबल इकोनॉमी ग्रोथ 3.1 परसेंट और 2016 में 3.3 परसेंट रहने की उम्मीद है. वहीं 2014 में यह 2.6 परसेंट रह सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इंडिया की बात करें तो 2014 में यह ग्रोथ 5.4 परसेंट रहेगी, जो अगले साल बढ़कर 5.9 परसेंट और 2016 में 6.3 परसेंट होने की उम्मीद है.
इंडिया का 70 परसेंट है योगदान
भारत में इकोनॉमी का स्तर सुधरने से साउथ एशिया की आर्थिक वृद्धि में भी धीरे-धीरे तेजी आ सकती है. यह ग्रोथ 2014 में 4.9 परसेंट, 2015 में 5.4 परसेंट और 2016 में 5.7 परसेंट तक पहुंच सकती है. रिपोर्ट की मानें तो, साउथ एशिया क्षेत्र में होने वाले सुधार का नेतृत्व भारत करेगा क्योंकि क्षेत्रीय उत्पादन में भारत का 70 परसेंट योगदान है. वहीं इस दौरान बांग्लादेश और ईरान जैसी पिछड़ी इकोनॉमी में भी अच्छी ग्रोथ होने की उम्मीद जताई जा रही है.      

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari