सेना और हथियार पर खर्च के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंचा India, पहले नंबर पर है कौन?
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। देश की रक्षा के लिए भारत ने पिछले साल में अपनी मिलिट्री पावर को बढ़ाने में इतना ज्यादा खर्च किया है कि अब भारत सेना और हथियारों पर खर्च के मामले में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी महाशक्ति बन गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Sipri) जो दुनिया भर रक्षा खर्च का डेटा एनालिसिस करती है उसने अपनी रिपोर्ट को जारी करते हुए बताया है कि पिछले पांच सालों के बीच एशियाई देशों ने सबसे अधिक हथियार खरीदें, इसमें 10 सबसे बड़े हथियार आयातकों में 9 एशियाई देश है और इनमें भारत सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बनकर सामने आया है। इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के तीन टॉप हथियार आयातकों में सउदी अरब और कतर भी शमिल हैं, वहीं यूक्रेन भी युद्ध के चलते ग्लोबल लेवल पर चौथा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन गया है। इस युद्ध के कारण यूरोप में हथियार खरीदने की होड़ से यूरोप में हथियारों का आयात 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 में दोगुना हो गया।
अमेरिका बना सबसे बड़ा आर्म्स एक्सपोर्टर
इस इंटरनेशनल रिपोर्ट को देखने से पता चलता है कि एशिया और ओशिनिया में हथियारों की सप्लाई के मामले में अमेरिका नंबर एक पर आ गया। अमेरिका ने साल 2023 में इन रीजन में सबसे ज्यादा हथियार सप्लाई किए हैं जो पिछले 25 सालों के दौरान सबसे अधिक हैं। एशिया और ओशिनिया में हथियारों की सप्लाई में अमेरिका का हिस्सा 34 परसेंट रहा है, जबकि रूस का 19 परसेंट और चीन का 13 परसेंट रहा।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Sipri) की रिपोर्ट के अनुसार भारत के बाद सऊदी अरब ने दुनिया में सबसे अधिक हथियार खरीदे हैं। उसका हिस्सा कुल आर्म्स इंपोर्ट का 8.4% रहा, वहीं हथियारों का आयात करने में कतर (7.6%), यूक्रेन (4.9%), पाकिस्तान (4.3%), जापान (4.1%), मिस्त्र (4.0%), दक्षिण कोरिया(3.1%) और चीन ने 2.9% हथियारों का आयात किया है।