टीम इंडिया जब होलकर स्टेडियम में आठ दिसंबर को वेस्टइंडीज के खिलाफ मोर्चा संभालेगी तो उसके सामने दो लक्ष्य होंगे. पहला वनडे सीरीज पर कब्जा जमाने का दूसरा उस करारी हार का प्रतिशोध लेने का जो उसे इस शहर में 28 साल पहले इसी टीम के हाथों मिली थी.

नेहरू स्टेडियम में एक दिसंबर, 1983 को खेले गए वनडे मैच में वेस्टइंडीज ने भारत को आठ विकेट से हराया था. इस जीत के साथ कैरेबियाई टीम ने पांच मैचों की सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली थी. भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया यह मुकाबला इंदौर के इतिहास का पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच था.

बदल गया सीन
बहरहाल, इस मुकाबले के बाद पिछले 28 साल के दौरान बहुत कुछ बदल गया है. आंकड़े बताते हैं कि इंदौर की धरती पर टीम इंडिया का पलड़ा अब तक भारी रहा है. यहां अभी तक 11 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित हो चुके हैं. इनमें भारत की भागीदारी नौ मैचों में रही है, जिसमें उसने चार मैच जीतें हैं, जबकि तीन मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. वहीं एक मुकाबला बराबरी पर छूटा, जबकि एक मैच खराब पिच के चलते रद कर दिया गया था.

जीत की हैट्रिक का मौका 
भारत ने यहां पिछले दो मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेले हैं और दोनों में ही उसने जीत दर्ज की है. यानी आठ दिसंबर को वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले मैच में टीम इंडिया के सामने इस स्टेडियम में अपनी जीत की हैट्रिक बनाने का मौका भी होगा.

सबके लिए मौका
एमपीसीए के सांख्यिकीय विशेषज्ञ महावीर आर्य ने बताया, ‘इंदौर की पिच अब तक गेंदबाजों और बल्लेबाजों, दोनों के साथ न्याय करती रही है.’ उन्होंने कहा कि शहर की पिच पर बल्लेबाजों ने बड़े लक्ष्यों का पीछा किया है, वहीं इसे खासकर मध्यम गति के गेंंदबाजों को फायदा पहुंचाते भी देखा गया है. आर्य ने बताया कि इस मैदान पर अधितकम स्कोर 299 रन तक पहुंचा है, जबकि न्यूनतम स्कोर 169 रन का रहा है.

लगेगा रनों का अंबार
भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार को होने वाले चौथे एक दिवसीय क्रिकेट मैच के पिच क्यूरेटर ने विशाल स्कोर बनने की भविष्यवाणी की है. इसी क्यूरेटर ने पिछले साल ग्वालियर पिच बनाई थी, जहां सचिन तेंदुलकर ने नाबाद दोहरा शतक जड़ा था. क्यूरेटर समुंदर सिंह चौहान ने कहा, ‘इस पिच पर काफी रन बनेंगे.’ उसने कहा, ‘मैने 25 नवंबर से ही पिच बनानी शुरू कर दी थी.’ यह पूछने पर कि क्या इस पर 300 से अधिक का स्कोर बनेगा, चौहान ने कहा, ‘300 का स्कोर बनाया और इतने लक्ष्य का पीछा किया जाना मुमकिन है.’ चौहान ने ग्वालियर में रूप सिंह स्टेडियम की पिच बनाई थी जहां 24 फरवरी 2010 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे में सचिन ने रिकार्ड दोहरा शतक जड़ा था. एक दिवसीय क्रिकेट में कोई बल्लेबाज यह कारनामा नहीं कर सका है. 

Posted By: Rajeev Tripathi