इसरो ने रचा इतिहास 200 हाथियों के वजन वाले सबसे भारी और पावरफुल रॉकेट से सैटेलाइट किया लॉंच। अब अंतरिक्ष में मानव भेज सकेगा भारत। देश में हाईस्पीड इंटरनेट की शुरुआत का रास्ता भी हुआ साफ।

इसरो ने अपने सबसे भारी और शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 के जरिए भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-19 का सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया। इसरो द्वारा निर्मित जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट 640 टन वजनी है, जिसकी क्षमता चार टन के उपग्रह को ले जाने की है। इस रॉकेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके मुख्य और सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही विकसित किया है। इससे आने वाले कुछ सालों में भारत में हाई स्पीड इंटरनेट की शुरुआत होगी।

 

मानव मिशन के लिए अहम है मार्क-3
जीएसएलवी मार्क 3 की पहली उड़ान कामयाबी होने से स्पेस में इंसान को भेजने का भारत का सपना जल्द पूरा हो सकता है। इसरो का यह जम्बो रॉकेट इंसानों को स्पेस में लेकर जाने की कैपेसिटी रखता है। यही नहीं, इस रॉकेट के विकास से फ्रांसीसी रॉकेट एरियन पर इसरो की निर्भरता खत्म होगी और स्पेस प्रोग्राम्स में न सिर्फ भारत आत्मनिर्भर हो जाएगा। बल्कि, अरबों डॉलर के ग्लोबल सैटेलाइट लॉन्चिंग बिजनेस में धाक बढ़ेगी। 

चाइना में शुरु हुई अनोखी ट्रेन, जो बिना ट्रैक के सड़कों पर दौड़ती है

 

जीएसएलवी मार्क-3 की खासियत

ø रॉकेट की ऊंचाई 43.43 मीटर है।

ø जीएसएलवी का व्यास 4 मीटर है।

ø इसका वजन 200 हाथियों के बराबर है।

ø इसकी अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपए है।  

 

अब इंडिया में भी गली गली होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन

 

किसने क्या कहा?

इसरो की इस उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है। यह एक ऐतिहासिक कदम है. इसरो को बहुत-बहुत बधाई। - प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति

 

इसरों के वैज्ञानिकों को बधाई. जीएसएलवी मार्क-3 की सफल लॉन्चिंग के साथ भारत इस दिशा में अग्रणी पंक्ति में शामिल हो जाएगा। - नरेंद्र मोदी, पीएम


National News inextlive from India News Desk

Posted By: Chandramohan Mishra