कोविड-19 महामारी से भारत का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ ने कहा कि देश इससे निपटने के लिए एक समन्वित नीति की जरूरत है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अतिरिक्त आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है।


वाशिंगटन (एएनआई)। आईएमएफ की प्रवक्ता गेरी राइस ने बृहस्पतिवार को कहा कि महामारी का मुकाबला करने के लिए भारत को तत्काल समन्वित नीति की आवश्यकता है। कम आय वाले कामगारों और लोगों के लिए सरकारी कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ इस प्रकार के किसी भी सरकारी सहायता को सपोर्ट करेगा। इसमें आर्थिक मदद भी शामिल है।स्वास्थ्य, भोजन और लोगों के हाथ में देने होंगे पैसेउनका कहना था कि वित्तीय सेक्टर को सहारा देने के लिए हम आसान मौद्रिक उपायों को समर्थन देंगे। विकास के लिए एक और आर्थिक पैकेज की जरूरत है। स्वास्थ्य, भोजन, लोगों की आय बढ़ाने के लिए या उनके हाथ में पैसे होने के लिए और कारोबार की मदद के लिए बाजार में सरकार को पैसा डालना होगा। उन्होंने कहा कि महामारी के असर को खत्म करने के लिए लाॅकडाउन में ढील देनी होगी।
2021-22 में 6 प्रतिशत होगी जीडीपी


राइस ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में कमी आई है। कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, होटल और ट्रांसपोर्ट सेक्टर महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यही वजह है कि 2020 के शुरू में साल दर साल अनुमानित जीडीपी करीब -23.9 प्रतिशत रहेगी। अपने पिछले वर्ल्ड इकोनाॅमिक आउटलुक अपडेट में आईएमएफ ने भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2020-21 में -4.5 प्रतिशत और 2021-22 में 6 प्रतिशत का अनुमान जताया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh