भारत सरकार ने आपत्तिजनक सामग्री को लेकर कार्रवाई न करने पर ट्विटर को फटकार लगाई है। सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे स्थानीय नियमों को मानना होगा। वहीं भारतीय सांसदों ने देश में विकसित ट्विटर के प्रतिद्वंद्वी कू की वकालत की।


नई दिल्ली (राॅयटर्स)। भारत ने ट्विटर को 1,100 से ज्यादा अकाउंट को और पोस्ट हटाने के निर्देश दिए थे। सरकार का आरोप था कि ये अकाउंट प्रदर्शनकारी किसानों के नाम पर नये कृषि कानूनों को लेकर गलत सूचना फैला रहे हैं। ट्विटर ने बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की थी। बाद में एक ब्लाॅग के जरिए ट्विटर का कहना था कि उसने भारत सरकार के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं किया है क्योंकि वे भारतीय कानूनों के अनुरूप नहीं थे।ब्लाॅग में बताया ट्विटर ने नहीं की कोई कार्रवाई


इसमें कहा गया है कि बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांतों का पालन करते हुए हमने न्यूज मीडिया संस्थानों, पत्रकारों, आंदोलनकारियों और राजनीतिकों के अकाउंट पर कोई कार्रवाई नहीं की। बुधवार को भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ट्विटर के प्रतिद्वंद्वी कू पर एक पोस्ट में कहा कि उनके आला अधिकारी ट्विटर के खिलाफ उनके अधिकारियों से अपनी नाराजगी जता चुके हैं। सरकार ने कहा कि ट्विटर अपने नियम और दिशानिर्देश बनाने के लिए स्वतंत्र है।भारत सरकार के बयान पर ट्विटर की प्रतिक्रिया अभी नहीं

ट्विटर अपनी नाराजगी जताते हुए सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा, 'भारतीय कानून संसद से बनाए जाते हैं, जिनका ट्विटर को अपने नियमों एवं दिशानिर्देशों के बावजूद पालन करना जरूरी है।' सरकार ने अपने बयान में कहा कि कंपनी ने सरकारी आदेशों का पालन करने में देरी करके कानूनों का सम्मान नहीं किया है। ट्विटर ने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बयान के बाबत पूछने पर अभी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh