चेन्नई से करीब 90 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से आज पीएसएलवी सी33 ने सफलतापूर्वक आईआरएनएसएस-1जी को अपने कक्ष में स्थापित किया। इसके साथ ही भारत उन 6 देशों के इलाइट क्लब में भी शामिल हो गया जिनके पास अपनी खुद का जीपीएस सिस्‍टम है। अमेरिका के जीपीएस और रूस के ग्लानोस की तरह भारत भी अब जगहों की सटीक जानकारी दे सकेगा।


आइआरएनएसएस 1जी सेटेलाइट पर दो पे-लोड तैनात हैं। जिसमें नेवीगेशनल और रेंजिंग पे-लोड शामिल हैं। इस सेटेलाइट की अवधि 12 साल है। इससे पहले प्रक्षेपित आइआरएनएसएस सीरीज के छ सेटेलाइट के काम शुरू करने के साथ ही भारत के पास भी जीपीएस जैसी खुद की सुविधा उपलब्ध होगी। राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने नेविगेशनल सेटेलाइट के सफल प्रक्षेपण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत के सातों नेविगेशनल सेटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो चुके हैं। पीएम ने सेटेलाइट के सफल प्रक्षेपण को खुद देखा। आइआरएनएसएस अमेरिका के जीपीएस, रूस के ग्लानोस, यूरोप के गैलीलियो और चीन के बीडोउ के समान है। आइआरएनएसएस शृंखला का पहला सेटेलाइट जुलाई 2013 में लांच किया गया था।inextlive from Spark-Bites Desk

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari