भारत ने सोमवार को मिसाइल को मारने वाली 'क्विक रिस्पॉन्स मिसाइल' का सफल परीक्षण कर लिया है। डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा इससे इंडिया की रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा।


स्वदेशीकरण का रास्ता साफचीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इंडिया ने सोमवार को 'क्विक रिस्पॉन्स सरफेस टु एयर मिसाइल की उड़ान का सफल टेस्ट किया। रक्षा संगठन डीआरडीओ की डिजाइन पर बनी मिसाइल के इस टेस्ट से स्वदेशीकरण का रास्ता साफ होगा। डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने टेस्ट में सफलता की जानकारी देते हुए कहा कि इससे इंडिया की रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा। जून में हुई पहली टेस्टिंग
सोमवार को इस मिसाइल का दूसरा टेस्ट था। पहला टेस्ट जून में हुआ था। आर्मी और नेवी के इस्तेमाल किए जाने से पहले इसका कई बार फ्लाइट ट्रायल होगा। हाई स्पीड की यह मिसाइल किसी भी मौसम में हवाई टारगेट को निशाना बना सकती है। यह टैंकों, बंकरों और शॉर्ट रेंज मिसाइलों को भी ढूंढ-ढूंढकर तबाह कर सकती है। यह दुश्मन के रडार की नजरों से बचने की क्षमता भी रखती है। शॉर्ट रेंज की यह मिसाइल 25 से 30 किमी की दूरी पर कई टारगेट्स को एकसाथ तबाह कर सकती है।आकाश मिसाइल को सपोर्ट


माना जा रहा है कि इससे सरफेस टु एयर मिसाइल आकाश को सपॉर्ट मिलेगा। जिसकी क्षमता क्विक रिस्पॉन्स मिसाइल के समान है। इसके बावजूद क्विक रिस्पॉन्स मिसाइल की जरूरत महसूस की गई। आकाश मिसाइलों का राडार ग्राउंड ऊंचा होने से इसकी तैनाती के लिए ज्यादा वाहनों और उपकरणों की जरूरत महसूस की गई। पर्रिकर भी फेवर में- डिफेंस मिनिस्टर रहते मनोहर पर्रिकर ने भी क्विक रिस्पॉन्स मिसाइल की जरूरत को अलग माना था। - सबसे पहले इजरायली क्विक रिस्पॉन्स मिसाइलों पर नजर डाली गई। - मेक इन इंडिया के तहत इन मिसाइलों के इंडिया में प्रोडक्शन की चर्चा शुरू हुई। - करीब एक साल पहले डीआरडीओ ने इस मिसाइल को बनाने के कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari