India vs Bangladesh Pink Ball Test भारत बनाम बांग्लादेश के बीच कोलकाता में होने जा रहे पिंक बाॅल टेस्ट सिर्फ खिलाड़ियों नहीं अंपायरों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा।


कोलकाता (पीटीआई)। India vs Bangladesh Pink Ball Test भारत बनाम बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला 22-26 नवंबर के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन में खेला जाएगा। यह डे-नाइट टेस्ट होगा जो पिंक बाॅल से खेला जाएगा। भारत और बांग्लादेशी प्लेयर्स के लिए यह एक नया अनुभव होगा, ऐसे में फैंस के साथ-साथ प्लेयर्स भी इस ऐतिहासिक टेस्ट के लिए काफी एक्साइटेड हैं। हालांकि पिंक बाॅल टेस्ट में अंपायरों के लिए क्या चुनौती होगी, इस पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई अंपायर साइमन टाॅफेल ने अपनी बात रखी है।क्या लेंस लगाकर मैदान में उतरेंगे अंपायर
एडीलेड में खेले गए पहले पिंक बाॅल टेस्ट में बतौर अंपायर रहे साइमन टाॅफेल ने भारत में होने वाले पहले दिन-रात्रि टेस्ट के लिए अंपायरों को खास सलाह दी है। टाॅफेल का कहना है जिस तरह खिलाड़ी पिंक बाॅल से सामंजस्य बिठाने के लिए नेट प्रैक्टिस कर रहे हैं उसी तरह अंपायरों को भी पिंक बाॅल से ट्रेनिंग करनी चाहिए ताकि उन्हें मैच के दौरान गेंद देखने में कोई असुविधा न हो। टाॅफेल आगे कहते हैं, 'मुझे नहीं पता कि वे गेंद को अलग तरीके से देखने के लिए कोई विशेष लेंस पहनेंगे। यह पूरी तरह से उनके ऊपर है। लेकिन यह जरूरी है कि उन्हें ट्रेनिंग में हिस्सा लेना चाहिए।'अंपायरों के लिए होगी कड़ी चुनौतीदुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंपायरों में से एक रहे साइमन टाॅफेल ने कहा, 'शाम का वक्त ऐसा होता है जब सूरज की रोशनी से कृत्रिम लाइट में मैच खेला जाता है। यह वो समय है जब बल्लेबाजों को गेंद खेलने में थोड़ी दिक्कत तो होगी, साथ ही अंपायरों को भी परेशानी आएगी। मैं अंपायरों के लिए भी इसी तरह की चुनौती की उम्मीद करूंगा। यह अंपायरों के लिए भी उतना ही कठिन और चुनौतीपूर्ण होगा।'मैच देखने आ सकते हैं साइमन टाॅफेलबता दें साइमन टाॅफेल अपनी पुस्तक "फाइंडिंग द गैप्स" के प्रचार के लिए भारत में हैं। ऐसे में उम्मीद है कि वह कोलकाता में होने वाले ऐतिहासिक टेस्ट देखने स्टेडियम आएं। इस दौरान साइमन टाॅफेल ने महसूस किया कि बांग्लादेश के खिलाड़ियों को अतिरिक्त सतर्क रहना होगा क्योंकि उन्हें गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव नहीं है। घरेलू क्रिकेट में कई भारतीय क्रिकेटरों ने गुलाबी गेंद से खेला है, लेकिन इसके साथ बांग्लादेश का एकमात्र अनुभव 2013 में एक दिवसीय चार-दिवसीय मैच था, लेकिन वर्तमान टीम के खिलाड़ियों में से कोई भी उस मैच का हिस्सा नहीं था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari