भारत बनाम साउथ अफ्रीका के बीच विशाखापत्तनम में खेला गया पहला टेस्ट टीम इंडिया ने 203 रन से जीत लिया। भारत की इस जीत में इन पांच खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा।


कानपुर। भारत बनाम साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच विशाखापत्तनम में खेला गया। 2-6 अक्टूबर तक चले इस टेस्ट में भारत ने मेहमानों को 203 रन से करारी शिकस्त दी। साउथ अफ्रीका को चौथी पारी में जीत के लिए 385 रन चाहिए थे मगर आखिरी दिन पूरी प्रोटीज टीम 191 रन पर सिमट गई। इसी के साथ भारत ने ये मुकाबला जीतकर टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। आइए जानें भारत की इस जीत के पांच हीरो कौन रहे...रोहित शर्मा


विशाखापत्तनम टेस्ट में मैन ऑफ द मैच रहे रोहित शर्मा का भारत की जीत में बड़ा योगदान रहा। टेस्ट में बतौर सलामी बल्लेबाजी पहली बार उतरे रोहित ने दोनों पारियों में शतक जड़ा। पहली इनिंग में हिटमैन के बल्ले से जहां 176 रन निकले वहीं दूसरी पारी में रोहित ने 127 रन बनाए। इसी के साथ रोहित एक टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले छठें भारतीय बल्लेबाज भी बन गए। दोनों पारियों में शतक लगाने वाले ये भारतीय हैं - रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, राहुल द्रविड़, सुनील गावस्कर और विजय हजारे।मयंक अग्रवाल

भारत की इस जीत में ओपनर बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का अहम रोल रहा। मयंक ने पहली पारी में शानदार दोहरा शतक जड़ा था। मयंक ने पहली पारी में 215 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में मयंक का यह पहला दोहरा शतक है। इससे पहले दाएं हाथ के इस ओपनर ने सेंचुरी भी नहीं बनाई थी मगर अब दोहरा शतक जड़कर मयंक ने भारतीय क्रिकेट इतिहास की उस खास लिस्ट में जगह बना ली जिसमें सिर्फ डबल सेंचुरियन ही हैं। टीम इंडिया की तरफ से टेस्ट में कुल 52 डबल सेंचुरी लगी हैं। विशाखापत्तनम टेस्ट में मयंक ने जब दोहरा शतक लगाया तो यह 52वीं डबल सेंचुरी थी।रविचंद्रन अश्विन

पहले टेस्ट में भारतीय स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने इतिहास रच दिया। भारत के 502 रनों के जवाब में साउथ अफ्रीका की पहली पारी 431 रनों पर सिमट गई। मेहमानों को जल्दी समेटने में आर अश्विन का अहम योगदान रहा। अश्विन ने इस पारी में 46.2 ओवर फेंककर 7 विकेट चटकाए। इसमें 11 ओवर मेडन रहे। दाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज अश्विन ने करीब 10 महीने बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की और आते ही इतिहास रच दिया। अश्विन ने आखिरी मुकाबला दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड में खेला था। जिसमें अश्विन ने छह विकेट चटकाए थे। यही नहीं अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 350 विकेट लेने वाले संयुक्त रूप से पहले गेंदबाज बन गए हैं। अश्विन ने यह कारनामा 66 मैचों में किया जबकि मुथैया मुरलीधरन ने भरी इतने ही मैच खेलकर यह मुकाम हासिल किया था।रवींद्र जडेजाभारतीय स्पिन गेंदबाज रवींद्र जडेजा ने भी इस टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की। जडेजा ने दूसरी पारी में जहां चार विकेट लिए वहीं फर्स्ट इनिंग में दो अफ्रीकी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में रवींद्र जडेजा सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के गेंदबाज हैं। इससे पहले यह रिकाॅर्ड श्रीलंकाई स्पिनर रंगना हेराथ के नाम था जिन्होंने 47 मैचों में यह कारनामा किया था मगर जडेजा ने तीन मैच पहले ही इतिहास रच दिया। इस लिस्ट में तीसरा नाम पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर मिचेल जाॅनसन का आता है जिन्होंने 49 मैचों में यह उपलब्धि हासिल की थी। वहीं चौथे नंबर पर मिचेल स्टाॅर्क हैं जिन्होंने 50 मैच खेले जबकि पाचवें पायदान पर पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी हैं जिनको यहां तक पहुंचने के लिए 51 मैच खेलने पड़े थे।मोहम्मद शमी
तेज भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी ने साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी में विकेट तोड़ गेंदबाजी की। शमी ने सेकेंड इनिंग में पांच विकेट लिए। इसी साल भारत में 1996 के बाद यह पहला मौका है जब किसी तेज गेंदबाज ने चौथी पारी में पांच विकेट झटकाए हों। इसी के साथ शमी चौथी पारी में पांच विकेट लेने वाले पांचवें भारतीय गेंदबाज भी बन गए।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari