भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्‍ट जोहिंसबर्ग में खेला जाएगा। भारत के लिए यह मैदान काफी लकी रहा है। इस मैदान से जुड़ी कुछ यादें हैं जो हर क्रिकेट फैंस के जहन में हैं। सबसे चर्चित मामला तो श्रीसंत और आंद्रे नेल का था। दोनों के बीच इतनी लड़ाई हुई कि सिर फोड़ने की बात होने लगी थी।

जोहिंसबर्ग में हुई थी तू-तू मैं-मैं
खेल कोई भी हो प्रतिद्वंदिता बनी रहती है। खासतौर से क्रिकेट में गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच तू-तू मैं-मैं होना आम बात है। मैच जीतने का इतना जोश रहता है कि कभी-कभार खिलाड़ी सीमा लांघ जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ था साल 2006 में। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम साउथ अफ्रीका दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने गई थी। पहला मैच जोहिंसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर खेला गया। यह एक ऐतिहासिक मैच था जो रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ। भारत ने पहली बार साउथ अफ्रीका में कोई टेस्ट जीता था। मेहमान टीम ने अफ्रीका को 123 रन से मात दी थी। इस मैच में जीत के हीरो रहे भारतीय तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत।
श्रीसंत से चिढ़े हुए थे अफ्रीकी
श्रीसंत ने सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं स्लेजिंग के चलते भी खूब चर्चा बटोरी थी। दरअसल हुआ यूं कि भारत ने अपनी पहली पारी में 249 रन बनाए। जवाब में अफ्रीकी टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो पूरी टीम 84 रन पर ऑलआउट हो गई थी। उस वक्त टीम में डिविलियर्स, स्मिथ, अमला और कैलिस जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे लेकिन श्रीसंत की आग उगलती गेंदों के आगे कोई नहीं टिक पाया। श्रीसंत ने पहली पारी में 40 रन देकर 5 विकेट झटके। मेजबान अफ्रीका की दूसरी पारी भी 278 रन पर सिमट गई। इस बार श्रीसंत ने 3 विकेट झटके। श्रीसंत की जबर्दस्त फॉर्म को देखकर अफ्रीका के तेज गेंदबाज आंद्रे नेल काफी नाराज हो गए।

 


फिर शुरु हुआ लड़ाई का सिलसिला
भारत की दूसरी पारी के दौरान जब श्रीसंत 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, तो सामने थे आंद्रे नेल। नेल पहले से ही चिढ़े बैठे थे क्योंकि उनकी टीम हार रही थी। श्रीसंत को बल्लेबाजी करता देख नेल और भड़क गए। उन्होंने एक गेंद फेंकी जिसे श्रीसंत ने छोड़ दिया। वह दौड़ते हुए श्रीसंत के पास गए और बोला कि 'खेलने के लिए जिगरा चाहिए' हालांकि उन्होंने यह बात इंग्लिश में बोली लेकिन जिस अंदाज में बोली उसका मतलब यही निकलता है। बस फिर क्या था अगली गेंद सीधे स्टंप की तरफ आई श्रीसंत ने जोर से बल्ला घुमाया और गेंद उड़ती हुई बाउंड्री लाइन के पार जा गिरी। अंपायर ने दोनों हाथ उठाकर छक्के का इशारा किया, इधर श्रीसंत ने नेल को चिढ़ाने के लिए उनके सामने बल्ले से तलवारबाजी करने लगे। खैर इस घटना को करीब 12 साल हो गया लेकिन नेल उस वाक्ये को याद करते हुए कहते हैं कि, यह मैच के दौरान हुई गरमागरमी का हिस्सा था। खेल में ऐसा चलता रहता है लेकिन उन्हें उस वक्त काफी गुस्सा आया था। नेल ने कहा कि वह इतने गुस्से में थे कि श्रीसंत के सिर पर गेंद फेंककर मारना चाहते थे। हालांकि मैच के बाद दोनों ने सारे गिले-शिकवे दूर कर खुशी से हाथ मिलाया और इस वाक्ये को भुला दिया।

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari