अब आप अपनी छत सरकार को रेंट पर दे सकेंगे। इसके बदले सरकार आपको हर महीने मोटा किराया पे करेगी। सरकार ने 2022 तक सोलर रूफटॉप प्रोजेक्‍ट के तहत 40 गीगावाट बिजली पैदा करने का लक्ष्‍य तय किया है। इस योजना के तहत सरकार अक्षय ऊर्जा पर आधारित अन्‍य विकल्‍पों पर भी काम करेगी।


रेंट ए रूफ पॉलिसी पर सरकार कर रही है तेज कामनवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव आनंद कुमार ने कहा कि सरकार 40 गीगावाट की सोलर ऊर्जा और 24.5 गीगावाट पर काम कर रही है। इन परियोजनाओं के लिए टेंडर की प्रकिया पर काम चल रहा है। रूफटॉप प्रोजेक्ट के तहत सरकार की योजना है कि डेवलपर्स को ग्रिड की स्थापना के तहत सोलर पैनल लगाने के लिए आम जन की छत किराए पर दिलाई जाए। इसके लिए वे मकान मालिक को किराया पे करेंगे और यहां पैदा होने वाली बिजली को ग्रिड में भेजने की व्यवस्था करेंगे।2022 तक 172 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा है लक्ष्य
भारत का लक्ष्य है कि 2022 तक वह 172 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा हासिल कर ले। इसके लिए सरकार 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से जिसमें 60 गीगावाट मैदानी इलाकों और 40 गीगावाट छतों पर सौर पैनल लगाकर बिजली हासिल करना शामिल है। साथ ही विंड एनर्जी से 60 गीगावाट बिजली प्राप्त करने का भी लक्ष्य है। जल्दी ही इन योजनाओं से बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। कई परियोजनाओं के लिए सरकार ने टेंडर की प्रक्रिया और निवेशकों से बातचीत शुरू कर दी है।नेट मीटरिंग के तहत किया जाएगा लोगों को भुगतान


रेंट ए रूफटॉप नई परियोजना को नेट मीटरिंग के तहत लागू किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए यह योजना लाई जा रही है। इस योजना के तहत लोगों की छत पर सौर पैनल लगाए जाएंगे। इससे उत्पन्न बिजली को ग्रिड में भेजा जाएगा। मकान मालिक द्वारा उपयोग की गई बिजली के बाद ग्रिड को दी गई बची बिजली के अनुसार भुगतारन किया जाएगा।भारत में 300 दिन सनी डे, 750 गीगावाट की क्षमतासाल के 300 दिन भारत में सनी डे यानी धूप रहती है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अभी तक रेंट ए रूफ के तहत मकान मालिक को खुद अपने पैसे से छतों पर सौर पैनल लगवाने पड़ते थे। लेकिन नई पॉलिसी के तहत अब यह खर्च डेवलपर करेगा और मकान मालिक को इसके लिए किराए का भुगतान भी किया जाएगा। इस बिजली का उपभोग खुद मकान मालिक भी कर सकेगा। एक अनुमान के मुताबिक भारत के पास कुल 750 गीगावाट क्लीन ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh