देश में आज सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। रिंग ऑफ फायर के नाम से जाने वाला कुंडलाकार सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजे के करीब शुरू हुआ। इस दाैरान देश के कई हिस्सों में बादल छाए हैं।


नई दिल्ली (एजेंसियां)। भारत में रविवार को वार्षिक सूर्य ग्रहण या 'सूर्य ग्रह' 2020 देखा गया। इस वर्ष का यह तीसरा ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण है। इसके पहले दो चंद्र ग्रहण एक जनवरी और दूसरा जून में पड़ा था और यह इस दशक का अंतिम वार्षिक सूर्य ग्रहण है। इस दाैरान देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में बादल छाए हैं। सूर्य ग्रहण सुबह10बजे के करीब शुरू हुआ और दोपहर 2.02 बजे समाप्त होगा। ज्योतिष आज पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को बहुत दुर्लभ बता रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि यह सूर्य ग्रहण कुंडलाकार है। यहां कुंडलाकार सूर्यग्रहण का एक आंशिक चरण देखा गया


हैदराबाद, चेन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, दिल्ली, पटना, शिलांग और कई जगहों पर सुबह कुंडलाकार सूर्यग्रहण का एक आंशिक चरण देखा गया। वहीं प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि यह इस दशक का भारत का अंतिम कुंडलाकार सूर्यग्रहण है। सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं। इसमें पहला पूर्ण सूर्यग्रहण होता है तो दूसरा आंशिक ग्रहण होता है और तीसरा वलयाकार सौर ग्रहण होता है।कुंडलाकार सूर्यग्रहण में आकाश में बनता है 'रिंग ऑफ फायर'

वलयाकार (कुंडलाकार) सूर्य ग्रहण एक प्रकार का ग्रहण है जो तब होता है जब चंद्रमा का स्पष्ट व्यास सूर्य से छोटा होता है। आकार में छोटा होने के कारण, चंद्रमा सूर्य के सभी प्रकाश को अवरुद्ध करने में विफल रहता है। इसके बजाय, पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह केवल सूर्य के केंद्र को कवर करता है। इसके बाहरी किनारों को दिखाई देता है और आकाश में 'रिंग ऑफ फायर' इफेक्ट बनाता है।इन चीजों का उपयोग करके देखा जा सकता है सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो एल्युमिनेटेड मायलर, ब्लैक पॉलिमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या टेलिस्कोप द्वारा सफेद बोर्ड पर सूर्य की इमेज को प्रोजेक्‍ट करके करके उचित फिल्टर का उपयोग करके देखा जा सकता है। इसे खुली आंखो से देखने से बचना चाहिए।

Posted By: Shweta Mishra