हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर हम भारतीय वायु सेना के मोटो क्रेस्ट और झंडे के बारे में जानेंगे।


कानपुर। हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारतीय वा युसेना अपनी 87वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। बता दें कि भारतीय वायु सेना भारत की सशस्त्र सेनाओं का एक हिस्सा है जिसका मुख्य उत्तरदायित्व भारतीय वायु-स्थल की सुरक्षा तथा संघर्ष के दौरान विमानों का इस्तेमाल करना है। इस मौके पर हम भारतीय वायुसेना के मोटो, क्रेस्ट और झंडे के बारे में जानेंगे।भारतीय वायु सेना के आदर्श वाक्य (मोटो)


भारतीय वायु सेना के आदर्श वाक्य संस्कृत में 'नभः स्पृशं दीप्तम्' है। हिंदी में इसका अर्थ है 'जीत के साथ आकाश को छुओ।' बता दें कि भारतीय वायु सेना ने अंग्रेजी में भी अपने आदर्श वाक्य जारी किए हैं। वह हैं, 'Touch the Sky with Glory।' भारतीय वायु सेना के आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है और यह महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री क्रष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।  भारतीय वायु सेना क्रेस्ट

भारतीय वायु सेना में क्रेस्ट का उपयोग खासकर यूनिटों की पहचान और विशिष्ठता दिखाने के लिए किया जाता है। यह एक तरह के सिंबल होते हैं और सैनिकों के लिए प्रेरणा और उत्साहवर्धन के स्रोत हैं। वायु सेना ने कमानों, स्क्वॉड्रनों और अन्य स्थापनाओं के लिए कई क्रेस्ट अपनाए हैं। भारतीय वायु सेना में क्रेस्ट की एक मानक रूपरेखा है। इस रूपरेखा या फ्रेम के मध्य भाग में फॉर्मेशन का अपना एक प्रतीक चिह्‌न होता है और इसके निचले भाग में घुमावदार डिजाइन में इसका आदर्श-वाक्य दर्शाया होता है। यूनिट क्रेस्ट 3 इंच व्यास के गोले में बनाया जाता है। इस गोले के ऊपरी आधे भाग में यूनिट की फॉर्मेशन का नाम दिखाई पड़ता है जबकि 'भारतीय वायु सेना' निचले आधे भाग में लिखा होता है। क्रेस्ट और आदर्श वाक्य फॉर्मेशन की भूमिका के आधार पर डिजाइन किए जाते हैं। क्रेस्ट आमतौर पर समारोह परेड के दौरान ए ओ सी-इन-सी द्वारा दिया जाता है। भारतीय वायु सेना का झंडाभारतीय वायु सेना का झंडा बिलकुल अलग तरह का होता है। इसमें भारत के ध्वज की भी तस्वीर बनी होती है। नीचे तस्वीर में देख सकते हैं कि वायु सेना का झंडा नीले रंग का होता है। बता दें कि इस झंडे को वायु सेना ने 1951 में अपनाया था।

Posted By: Mukul Kumar