भारतीय रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने तेजस श्रेणी के पहले हल्‍के लड़ाकू विमान को वायूसेना को सौंप दिया है. इसके साथ ही भारतीय वायूसेना के लिए एक नए युग का सूत्रपात हुआ है.


नए युग का सूत्रपातभारतीय रक्षा एवं वैमानिकी क्षेत्र में आज एक नए युग का सूत्रपात हो गया है. गौरतलब है कि डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पार्रिकर ने आज तेजस श्रेणी के पहले रॉकेट को भारतीय वायूसेना को समर्पित किया है. भारत में स्वदेश निर्मित फाइटर प्लेन को बनाने की शुरुआत 32 साल पहले हुई थी. इसके श्रंखला का पहला फाइटर विमान तेजस आज भारत को सौंपा गया है. इस प्रोजेक्ट पर अब तक 8000 करोड़ रुपये की लागत आ चुकी है. तस्वीरों में देखें मेड-इन-इंडिया 'तेजस'खर्चा होगा 30 हजार करोड़ रुपये तक
हल्के लड़ाकू विमानों को विकसित किए जाने वाली परियोजना पर 30000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. उल्लेखनीय है कि इस परियोजना पर डीआरडीओ और एचएएल मिलकर काम कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार इस विमान को प्राइमरी ऑपरेशन क्लियरेंस 2 मिल चुकी है. इसके साथ ही इस विमान पर फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस इस साल के अंत तक मिलने की उम्मीद है. इस फाइटर जेट में इलेक्ट्रॉनिक वॉर स्पेशियलिटी, एयर रिफिलिंग और लंबी दूरी की मिसाइल दागने की क्षमता है. इन खास फीचर्स को फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस वाले विमान में लगाया जाएगा.

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Posted By: Prabha Punj Mishra