रक्षामंत्री ने गुरुवार को कहा कि भारत-चीन सीमा संघर्षों में हमारे सशस्त्र बलों के आचरण से पता चलता है कि उन्होंने संयम को बनाए रखा। उन्होंने चीनी सेना द्वारा उकसाने वाली कार्रवाई का सामना करते हुए भी 'शौर्य' का प्रदर्शन किया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में चीन ने लगभग 38000 वर्ग किलोमीटर पर अवैध कब्जा कर रखा है।


नई दिल्ली (एएनआई)। संसद के मानसून सत्र के चाैथे दिन राज्यसभा में भारत-चीन सीमा संघर्षों का मुद्दा गूंजा। इस दाैरान देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में एक बयान में कहा, भारत-चीन सीमा संघर्षों वाली घटनाओं के दौरान हमारे सशस्त्र बलों के आचरण से पता चलता है कि उन्होंने चीन की ओर से की गई भड़काऊ कार्रवाइयों के बाद भी संयम को बनाए रखा। इतना ही नहीं जब उन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ी तो उन्होंने 'शौर्य' को भी समान रूप से प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा, हमारे सशस्त्र बल इसका पूरी तरह से पालन करते हैं, लेकिन यह चीनी पक्ष की ओर से नहीं किया गया है। चीन ने लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर पर अवैध कब्जा कर रखा है


रक्षामंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में चीन ने लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र में लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र का दावा किया है। इसके अलावा 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान 'सीमा समझौते' के तहत पाकिस्तान ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 5,180 वर्ग किमी भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दे दी है।

हमारे प्रधानमंत्री खुद बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए थेवहीं गलवान घाटी की घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा, 15 जून को कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपने जीवन का बलिदान दिया। हमारे प्रधानमंत्री खुद बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए थे।दोनों देश अप्रैल-मई समय-सीमा के बाद से गतिरोध की स्थिति में हैं और चीन ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में फिंगर क्षेत्र और अन्य घर्षण बिंदुओं को खाली करने से इनकार कर दिया है।

Posted By: Shweta Mishra