खबर है कि बैंकों ने ब्‍याज दर को तय करने का अब नया फॉर्मुला ढूंढ निकाला है। इस नए फॉर्मूले के साथ अच्‍छी बात ये है कि इससे प्रभावित हो उपभोक्‍ता ऋण अब सस्‍ते हो जाएंगे। नीतिगत ब्‍याज दरों में कटौती का त्‍वरित और प्रभावी फायदा उपभोक्‍ताओं तक पहुंचाना सुनिश्‍चित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने अन्‍य सभी बैंकों को ये फार्मूला अपनाने के लिए कहा था।

ऐसी है जानकारी
इस क्रम में और भी कई बैंकों ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर प्रणाली अपनाने की घोषणा की। इन बैंकों में एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के बाद आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई भी शामिल है। वहीं कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक और ओबीसी ने भी ब्याज दर गणना का नया फॉर्मूला अपनाने की घोषणाकर दी है।
विशेषज्ञों का ऐसा है मानना
इसी क्रम में एसबीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक समेत अन्य बैंकों से भी ये कहा गया था कि वे ब्याज दर के निर्धारण का नया फार्मूला से अप्रैल से अपनाएंगे। इस बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) से ब्याज दरों में एक प्रतिशत तक की कटौती आ सकती है।
ऐसी होंगी ब्याज दरें
इस बारे में रिजर्व बैंक ने अन्य बैंकों से कहा था कि वह 3 साल तक के ऋणों पर बयाज दर कोष की सीमांत लागत के आधार पर तय करें। इसको लेकर आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि 3 महीने के कर्ज पर उसने 9.10 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है। वहीं 6 महीने के कर्ज पर 9.15 प्रतिशत और एक साल के कर्ज के लिए 9.20 प्रतिशत ब्याज दर तय की है। बैंक की आधार दर यानी कर्ज की न्यूनतम ब्याज दर 9.35 प्रतिशत है। वहीं कोटक महिन्द्रा बैंक ने एक साल के कर्ज पर 9.60 प्रतिशत और 3 साल के कर्ज के लिए 9.65 प्रतिशत की दर तय की है।

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Posted By: Ruchi D Sharma