पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हालात सुधारने की कोशिश हो रही है। इसकी वजह से आज गुरुवार को भी भारतीय और चीनी सेनाओं ने मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की। गलवान घाटी में सोमवार की शाम भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।


नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत-चीन के बीच बीते दिनों हुई हिंसक झड़प से इन दिनों हालात गंभीर हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के उद्देश्य से लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भारतीय और चीनी सेनाओं ने मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की। वहीं चीन को कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन अगर उकसाया गया है तो वह जवाब देने में सक्षम है। इसके साथ ही कहा कि भारतीय सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया


वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन सीमा मुद्दे पर 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि बैठक शाम 5 बजे होगी। 19 जून को जिसमें पूर्वी लद्दाख में 14 नंबर गश्त पर भारतीय बलों और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के बीच आमने-सामने के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में विभिन्न दलों के अध्यक्ष हिस्सा लेंगे। हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हुए

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार की शाम भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद दोनों भारत और चीन के बीच सोमवार का टकराव सबसे बड़ा टकराव था। उस समय भारत के लगभग 80 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि टकराव में चीनी सेना के 300 से अधिक जवान मारे गए थे।

Posted By: Shweta Mishra