सिगरेट पीना छोड़ दो लोगों को यह समझाते-समझाते वह इस दुनिया से चला गया. उसका नाम था सिगरेट स्नैचर. हां लोगों ने उसे यही नाम दे दिया था.


रोजाना दो पैकेट सिगरेटएक समय प्रतिदिन दो पैकेट सिगरेट धुएं में उड़ा देने वाले भारतीय नागरिक अब्राहम सैमुअल को जब पता चला कि उसे फेफड़ों का कैंसर हो गया है तो वह इसके खिलाफ मुहिम में जुट गया. राह चलते वह लोगों से सिगरेट छोडऩे की गुजारिश करता. जब उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो वह शर्ट खोलकर अपने शरीर पर रेडिएशन के निशान दिखाता. धूम्रपान के खिलाफ कैंपेनधूमपान के खिलाफ लोगों को सजग करने वाला सैमुअल अब इस दुनिया में नहीं हैं. रविवार की शाम फेफड़ों के कैंसर के कारण उनकी यहां के एक अस्पताल में मौत हो गई. गल्फ न्यूज के अनुसार, 53 वर्षीय सैमुअल 35 वर्षों से दो पैकेट सिगरेट हर रोज पी रहा था. तीन साल पहले पता चला कि उसे फेफड़ों का कैंसर हो गया है.स्मोकिंग से आगाह करने निकल पड़ा
इसके बाद उसने सिगरेट से तौबा कर ली और लोगों को इसके खतरे के प्रति आगाह करने निकल पड़ा. धूमपान के खिलाफ अभियान में वह सार्वजनिक स्थानों पर अनजान लोगों से सिगरेट छोडऩे की अपील करने लगा. कुछ महीने पहले एक अखबार से सैमुअल ने कहा था कि जब किसी को धूमपान करते देखता हूं तो उनके पास जाता हूं और सिगरेट छोडऩे को कहता हूं. कई बार लोग इसे पसंद नहीं करते. इसके बावजूद खुद को रोकता नहीं हूं.शर्ट खोलकर कर दिखाता रेडिएशन मार्कमैं शर्ट खोलकर अपने शरीर पर रेडिएशन के निशान दिखाता हूं. ताकि वे सचेत हो जाएं कि सिगरेट पीने का परिणाम कितना खौफनाक है. यह नहीं जानता कि कब तक मैं जिंदा रहूंगा, लेकिन तब तक लोगों से सिगरेट छोडऩे की अपील करता रहूंगा. अपनी रिपोर्ट में अखबार ने कहा है कि सैमुअल की कोशिशों का कई लोगों पर असर पड़ा और उन लोगों ने सिगरेट पीना छोड़ दिया है.इलाज के लिए भारत जाने से इनकारइलाज कराने के लिए भारत जाने से इन्कार कर देने पर सैमुअल को दो सप्ताह पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह यहां स्टेशनरी कंपनी में काम करता था और करीब 58 हजार रुपए उसे हर महीने वेतन मिलता था. उसके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh