भारत बनाम आॅस्ट्रेलिया के बीच तीसरा वनडे रांची में खेला जा रहा। इस मैच में भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी आर्मी वाली टोपी कैमोफ्लैज कैप पहने नजर आए। आइए जानते हैं भारतीय क्रिकेटरों ने ये टोपी क्यों पहनी आैर कितने मैच इसी टोपी में खेले जाएंगे।

कानपुर। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा मैच शुक्रवार को रांची में खेला जा रहा। यह मैच धोनी के होम ग्राउंड में आयोजित हो रहा। ऐसे में माही के लिए ये काफी खास है। मगर इस वनडे को और स्पेशल बनाया भारतीय क्रिकेटरों की टोपी ने। जी हां कोहली सहित पूरी इंडियन टीम कैमोफ्लैज कैप के साथ मैदान में उतरी। इस स्पेशल कैप को पहनने की क्या वजह है। आइए पढ़ते हैं।

हर साल एक मैच खेला जाएगा ऐसे ही

अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम 'पिंक टेस्ट' और साउथ अफ्रीकी 'पिंक वनडे' खेल सकते हैं तो अब टीम इंडिया भी हर साल एक 'स्पेशल कैप' के साथ मैदान में उतरेगी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने शुक्रवार को कंगारुओं के खिलाफ तीसरे वनडे के साथ एक नई मुहिम शुुरु की है। सभी भारतीय क्रिकेटर्स मैदान पर कैमोफ्लैज कैप के साथ मैदान में उतरे। इसका मकसद भारतीय सेनाओं को ट्रिब्यूट देना है। इस मुहिम की शुरुआत किसी और ने नहीं बल्कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने की। धोनी को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली है। ऐसे में उनका सेना से काफी जुड़ाव है। धोनी ने अपने कप्तान विराट कोहली से कैमोफ्लैज कैप के बारे में बात की और अब हर साल भारत में एक मैच इसी कैप को पहनकर खेला जाएगा।

#TeamIndia will be sporting camouflage caps today as mark of tribute to the loss of lives in Pulwama terror attack and the armed forces
And to encourage countrymen to donate to the National Defence Fund for taking care of the education of the dependents of the martyrs #JaiHind pic.twitter.com/fvFxHG20vi

— BCCI (@BCCI) March 8, 2019


शहीद के परिवारों के लिए पैसा जुटाना मकसद
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, 'धोनी के घर रांची से कैमोफ्लैज कैप वाले मैच की शुरुआत होना अच्छी बात है। माही को सेना से काफी लगाव है। मुझे बिल्कुल भी हैरानी नहीं होगी कि क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद धोनी भारतीय सेना में रेगुलर ड्यूटी करने लगे।' यही नहीं बीसीसीआई अफिशल का यह भी कहना है कि, इस मुहिम का मकसद सिर्फ पैसा जुटाना नहीं बल्कि भारतीय सेना के प्रति सम्मान भी जताता है। हम इसके जरिए जवानों और उनकी फैमिली को आर्थिक मदद कर पाएंगे। फैंस जब अपने चहेते खिलाड़ियों को कैमोफ्लैज कैप में देखेंगे तो वह नेशनल डिफेंस फंड में ज्यादा से ज्यादा पैसा दान कर सकते हैं। बता दें ये फंड शहीद परिवारों के बच्चों की शिक्षा में खर्च होता है।
छह महीने से चल रही थी तैयारी
मैच शुरु होने से पहले धोनी ने टीम के सभी खिलाड़ियों सहित सपोर्टिंग स्टाॅफ को भी यह कैप दी। इसके अलावा कमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर को भी कैमोफ्लैज कैप पहनाई गई। बताते चलें इस टोपी को बनवाने के लिए धोनी और कोहली पिछले छह महीनों से नाइक से संपर्क में थे।
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कप्तान बनने के बाद रांची में अपने 'गुरु' के सामने जमीन पर बैठते थे धोनी

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari