DEHRADUN : ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस चाल्र्स ने कहा कि जिस ऋषि मुनियों की भूमि ऋषिकेश देवभूमि उत्तराखंड व परमार्थ निकेतन में बारे में सुना था उसको करीब पाकर सच में महसूस किया. यकीनन भारतीय संस्कृति की प्रकृति से जीना सिखाती है. खासकर ऋषिकेश जैसे ऋषिनगरी में पहुंचकर ऋषियों की आध्यात्मिकता समाज देश व दुनिया को सुंदर बनाने के लिए जिन जरूरी रचनात्मकता के दर्शन हुए उससे मैं बेहद प्रभावित हुआ हूं. देवभूमि पहुंचना मेरी लाइफ के महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा. सच में भारतीय संस्कृति प्राचीन है यज्ञ की संस्कृति है. जिसमें मैंने भी भाग लिया.


गंगा आरती में भाग लिया
वेडनसडे को ब्रिटेन के प्रिंस ऑफ वेल्स प्रिंस चाल्र्स व उनकी वाइफ डचेज ऑफ कोर्नवाल शाम करीब सवा चार बजे उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। जहां जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उनका काफिला वाया रोड सीधे ऋषिकेश के लिए रवाना हुआ। ऋषिकेश पहुंचने के बाद वे मोटर बोट के जरिए गंगा पार परमार्थ निकेतन पहुंचे। जहां पहले से ही मौजूद देश के साधु संत समाज, आचार्यों, ऋषि कुमारों, जनप्रतिनिधियों, आलाधिकारियों के अलावा देशभर के राज्यों से आए नागरिकों ने उनका गर्मजोशी से वेलकम किया। इसके उपरांत प्रिंस चाल्र्स व कैमिला पार्कर ने गंगाजल की दिव्य लहरियों से सटी यज्ञशाला में हवन में भाग लिया। इसके उपरांत उन्होंने अपनी वाइफ के साथ परमार्थ निकेतन के मुख्य द्वार पर स्थित गंगा आरती में भाग लिया। इस दौरान उनके साथ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष व संस्थापक स्वामी चिदानंद मुनी सरस्वती भी मौजूद थे। जिनके साथ प्रिंस चाल्र्स व कैमिला पार्कर ने गंगा आरती में भाग लिया। त्रासदी में जान गंवाने लोगों की शांति की कामना


परमार्थ निकेतन के मुताबिक प्रिंस चाल्र्स व कैमिला पार्कर ने यज्ञ आहुतियां समर्पित कर दुनिया में सुख, समृद्धि शांति व पर्यावरण संरक्षण की कामना की। इसके अलावा उत्तराखंड त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों की शांति व सुरक्षित एनवॉयरनमेंट के साथ स्वच्छ जल की भी कामना की। इसी दौरान प्रिंस ने दुनियाभर में तमाम आपदाओं व घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की। प्रिंस ने वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी में भी हिस्सा लिया। वही उन्होंने पोल्यूटेड जल से हर साल देश-दुनिया में होने वाले करोड़ों लोगों की मौतों के लिए पानी को बचाने, सेनिटेशन व हाईजीन पर ध्यान देने का भी संकल्प लिया। चांदी के कलश में गंगोत्री का गंगा जल भेंट

इस मौके पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष व गंगा एक्शन परिवार के फाउंडर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने प्रिंस चाल्र्स को रुद्राक्ष की माला, पौधा व गढ़वाली शॉल भी भेंट किया। जबकि परमार्थ की प्रतिनिधि साध्वी भगवती सरस्वती ने कैमिला पार्कर को चमेली व मोगरा की माला पहनाई। इसके अलावा प्रिंस चाल्र्स व कैमिला पार्कर को चांदी के कलश में गंगोत्री से लाया गया गंगा जल भी भेंट किया गया। इसके अलावा स्वामी चिदानंद सरस्वती ने प्रिंस चाल्र्स को ग्रीन प्रिंस की उपाधि से भी नवाजा। परमार्थ निकेतन के मुताबिक ब्रिटेन के रॉयल कपल ने बार-बार देवभूमि उत्तराखंड आने की इच्छा जाहिर की। इस मौके पर ब्रिटेन और नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास के एक दर्जन अधिकारी, डीजीपी बीएस सिद्धू के अलावा तमाम आलाधिकारी व ब्रिटिश मीडिया मौजूद थी।

Posted By: Inextlive