बीते दिनों रिलीज हुई बॉलीवुड फ‍िल्‍म 'बजरंगी भाईजान' के रिलीज होने के बाद एक बड़ी हकीकत सामने आई। हकीकत एक असली 'मुन्‍नी' की। अंतर सिर्फ इतना है कि ये पाक की मुन्‍नी भारत में नहीं बल्कि भारत की गीता पाक में खो गई थी। बड़ी बात ये है कि ये गीता भी बोल नहीं सकती और बचपन में ही पाक में खो गई थी। अब सामने आए इस गीता के मामले में उसे भारत लाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इस क्रम में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन और उनकी पत्नी रंजना मंगलवार को कराची पहुंची और इस भारतीय युवती गीता से मुलाकात की।

भारतीय उच्चायुक्त ने की मुलाकात
गीता से मिलने के बाद अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उसको जल्द ही भारत में उसके परिवार के पास वापस लाया जा सकेगा। इस मामले को लेकर मंगलवार देर रात सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए बताया कि वह गीता को वापस भारत लाएंगे। इसके लिए कुछ औपचारिकताओं को पूरा किया जाना है। उन्होंने ये भी कहा कि वे पाकिस्तान के उन सभी लोगों की आभारी हैं, जिन्होंने उसकी देखभाल की है। भारत में रहने वाले परिजनों से गीता को मिलाने के लिए नया अभियान चलाया जा रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय उच्चायुक्त को पत्नी के साथ गीता से मिलने का निर्देश दिए थे। अभी फिलहाल गीता से राघवन की मुलाकात के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
कबीर खान ने दी प्रतिक्रिया
इस मुलाकात के बाद अब पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने ट्वीट करके भारतीय उच्चायुक्त राघवन को धन्यवाद दिया है। बर्नी ने अभिनेता सलमान खान से भी सचमुच में बजरंगी भाईजान की भूमिका निभा कर गीता को उसके परिजनों से मिलाने में मदद करने की अपील की है। इस बारे में उनका कहना है कि उन्हें गीता को यह अहसास दिलाने में कोई कसर नहीं छोडऩी चाहिए कि उससे सहानुभूति रखने वाले भारत में भी हैं। वे उसे उसके परिजनों से मिलाने का प्रयास पूरी तरह से कर रहे हैं। इस बीच, फिल्म 'बजरंगी भाईजान' के निर्देशक कबीर खान ने बर्नी को ई-मेल भेज कर ये कहा है कि वह गीता के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं और करेंगे।
ऐसे पहुंची गीता पाकिस्तान
गीता के पाक पहुंचने की कहानी के बारे में बताते हैं कि वह बीते 15 साल से अपने परिवार से दूर है। उसकी उम्र अब 23 साल के आसपास है और वह 7 या 8 साल की उम्र में गलती से पाकिस्तानी सीमा में आ गई थी। पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे लाहौर रेलवे स्टेशन पर पाया था। मौलाना अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिल्किस ईधी की ओर से चलाए जाने वाले ट्रस्ट में गीता की पूरी तरह से देखभाल की गई। बताते चलें कि तीन साल पहले अंसार बर्नी ने गीता के मुद्दे को उठाया था।

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Posted By: Ruchi D Sharma