दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से बोलीं परमात्मा की पत्नी ऋतु

डबडबाई आंखों से ससुर ने रखी बात, कुछ बोल नहीं पाई मां मालती देवी

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) के पूर्व प्रोजेक्ट स्टॉफ परमात्मा यादव की मौत के मामले में न्याय के लिए उनकी पत्नी ने आवाज बुलंद की है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के साथ बातचीत में उन्होंने स्पष्ट कहा है प्रोफेसर अनुपम ने मेरे पति का जीना मुहाल कर दिया था। गौरतलब है कि परमात्मा ने 28 अगस्त को फांसी लगाकर जान दे दी थी। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने परमात्मा की पत्नी ऋतु और ससुर राम सिंह यादव से बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश

ऋतु से सवाल और उसके जवाब

सवाल- आप परमात्मा की मौत के लिए किसे और क्यों जिम्मेदार मानती हैं ?

जवाब- परमात्मा की मौत के जिम्मेदार प्रो। अनुपम अग्रवाल ही हैं। उन्होंने मेरे पति को बहुत परेशान कर रखा था।

सवाल- क्या परमात्मा इस बारे में आपसे बातें शेयर करते थे ?

जवाब- परमात्मा की मां और मेरी सास मालती देवी की तबियत अक्सर खराब रहती थी। इसलिये मेरे पति ज्यादा कुछ बताने में संकोच करते थे। लेकिन वे प्रो। अनुपम से परेशान रहते थे। वे अक्सर बताते थे कि मार्कशीट संस्थान में जमा होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल रही।

सवाल- उन्हें कहां नौकरी मिली थी

जवाब- एमएनएनआईटी में 30 जून को उन्हें टेक्निकल असिस्टेंट की नौकरी मिली थी। उस दिन इंटरव्यू के बाद उनसे कहा गया कि आप अपनी ओरिजिनल मार्कशीट लेकर आयें और दो घंटे में आपको ज्वॉइनिंग लेटर मिल जाएगा। लेकिन मार्कशीट न होने के कारण उन्हें अवसर नहीं मिल सका। इसके अलावा भी उन्होंने अनेक जगहों पर ई-मेल करके बताया था कि उनके पास मार्कशीट नहीं है।

सवाल- ट्रिपल आईटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि गेट क्वालीफाई न होने के कारण परमात्मा का सेलेक्शन पीएचडी में नहीं हुआ।

जवाब- मेरे पति को स्क्रीनिंग में सेलेक्ट किया गया। दिसम्बर 2016 में उन्हें रिटेन एग्जाम के लिये ईमेल के जरिए ऑफिशियली इंफॉर्म किया गया। उन्होंने बताया था कि प्रोजेक्ट में 06 माह तक काम करने वाले जेआरएफ को उनका गाइड पीएचडी में एनरोल्ड करने के लिए रेकमंड कर सकता है। ट्रिपल आईटी में कई लोग बिना गेट के पीएचडी कर रहे हैं। ऐसा उन्होंने मुझे बताया था।

सवाल- ट्रिपल आईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया है कि 10 जून को परमात्मा का प्रोजेक्ट वर्क खत्म हो गया था। फिर वह क्यों वहां जा रहा था? यह बताया गया कि उसने लिखकर दिया था कि वह अपनी स्वेच्छा से आ जा रहा है।

जवाब- आप ही बतायें कि अगर वो संस्थान में रुकना चाहते तो लगातार जनवरी 2016 से नौकरी के लिये प्रयास क्यों कर रहे थे ? पीएचडी में भी उन्हें एडमिशन नहीं दिया गया। प्रोजेक्ट खत्म हो गया और 25 हजार रुपए स्टाईपेंड भी बंद हो गया। ऐसे में वे क्यों स्वेच्छा से लिखकर देंगे कि वे अपनी मर्जी से वहां आ जा रहे हैं? जाहिर है वे मार्कशीट निकलवाने के लिये हर तरह से मजबूर थे।

सवाल- लेकिन ट्रिपल आईटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने जो तथ्य तलाशे हैं, वह तो आपके पति के खिलाफ हैं।

जवाब- फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने मुझसे या परमात्मा के परिजनों से तो अभी तक कोई पूछताछ नहीं की। क्या फैक्ट जानने के लिये उन्हें हमसे सम्पर्क नहीं करना चाहिये था ?

ऋतु के पिता राम सिंह यादव से सवाल-जवाब

सवाल- (उनकी स्थिति को देखते हुये) आप क्या कहना चाहेंगे?

जवाब- (डबडबाई आंखों से), दो परिवार तबाह हो गये। मेरी 26 साल की बिटिया 09 महिने में विधवा हो गई। मेरे पांच बच्चे हैं। इसमें मैंने ऋतु की पहली शादी की थी।

सवाल- अब आप आगे क्या करेंगे ?

जवाब- हम अंत तक लड़ाई लड़ेंगे। परमात्मा के भाई अवनीश ने शनिवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि वे न्याय के लिए परिवार की पूरी मदद करेंगे।

13 दिन बाद भी नहीं सूखे मां के आंसू

परमात्मा यादव की मां मालती देवी के आंसू बेटे की मौत के 13 दिन बाद भी नहीं थमे हैं। सिविल लाइंस थाने के बाहर कार में बैठी परमात्मा की मां के आंख में आंसू भरे थे। वे ठीक से बोल पाने की स्थिति में नहीं थी।

शुरू हुई जांच

गौरतलब है कि इस मामले में आईआईआईटी के प्रो। यूएस तिवारी की अध्यक्षता में गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें बहुत हद तक तथ्य परमात्मा के खिलाफ प्रस्तुत किये गये हैं। उधर, परमात्मा के भाई अवनीश यादव की लिखित शिकायत मिलने के बाद एसएसपी के आदेश पर सीओ सिविल लाइंस जांच कर रहे हैं। रविवार को परमात्मा के ससुराल और मायके पक्ष से लोग सीओ ऑफिस पहुंचे थे।

पत्नी और मां ने दर्ज कराया बयान

उधर रविवार को परमात्मा के सुसाइड के बाद पहली बार उसकी मां मालती और पत्नी ऋतु ने रविवार को पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया। रितु यादव ने पुलिस को बताया कि सुसाइड के कई दिन पहले से परमात्मा कालेज और प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल के व्यवहार को लेकर परेशान था। उसने इसको लेकर कई कागजात भी इकट्ठा किया था। सीओ सिविल लाइंस के सामने बयान दर्ज कराते हुए पत्नी ने बताया आत्महत्या के एक रात पहले दोनों साथ में बैठकर खाना खाया। इस दौरान परमात्मा के चेहरे पर गुस्सा और झुंझलाहट दिख रही थी। खाना खाने के बाद दोनों सो गए। जब सो कर उठी तो परमात्मा फांसी पर लटक रहा था। लोगों की मदद से उसने परमात्मा की बॉडी नीचे उतारी और हॉस्पिटल लेकर पहुंची। मां मालती देवी ने बताया कि मॉर्निग वॉक से लौटने के बाद उसे घटना की जानकारी हुई और वह फिर बेहोश हो गई। सीओ सिविल लाइंस श्रीश्चन्द्र ने बताया कि पत्नी और मां का बयान दर्ज करा लिया गया है। आगे मामले की जांच की जा रही है।

Posted By: Inextlive