जहां आज करियर के कई नए क्षेत्र एक्सप्लोर हो रहे हैं वहां एक स्टूडेंट के लिए सही करियर का चयन करना पहले की अपेक्षा टफ होता जा रहा है। आज भी ज्यादातर स्टूडेंट्स या तो अपने पेरेंट्स के कहने पर या अपने दोस्तों को देख कर करियर का चयन करते हैं। हालांकि वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें खुद पता नहीं होता कि उनका इंट्रेस्ट किस तरफ है। उन्हें पता नहीं होता कि उनका इंटेलिजेंस उन्हें क्या सजेस्ट करता है। हर स्टूडेंट की एक यूएसपी होती है और अगर सही समय पर उस यूएसपी और उसके इंटेलिजेंस लेवल को पहचान लिया जाए तो लाइफ में सक्सेस पाना ज्यादा आसान होता है। अगर एक स्टूडेंट को सिक्स्थ क्लास से ही अपने इंटरेस्ट और कैलिबर के बारे में पता चल जाए तो वह आगे जाकर अपने करियर को आसानी से सही दिशा दे पाएगा। स्टूडेंट्स की सहायता और पेरेंट्स टीचर्स की डिमांड पर इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट 2016 अपने तीसरे सीजन के साथ फिर से वापस आ गया है।

इंटरेस्ट और पैशन को पहचानें
इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट (आईआईटी) 2016 जागरण समूह और सिगरिड एजुकेशन सर्विसेज का एक ऐसा इनिशिएटिव है जिसके थ्रू स्टूडेंट्स सही समय पर अपने इंटरेस्ट और पैशन को पहचान पाएंगे। विद्यामंदिर क्लासेज इस इनिशिएटिव का नॉलेज पार्टनर है। हर बच्चे का इंटेलिजेंस लेवल डिफरेंट होता है। उसकी पसंद, उसका रुझान भी अलग होता है और वह उन्हीं फील्ड में बेहतर परफॉर्म कर पाएगा, जो उसके इंटरेस्ट का होगा। पेरेंट्स और टीचर्स दोनों के लिए एक बच्चे के इंटेलिजेंस लेवल को सही तरह से मेजर और एनालाइज करना थोड़ा मुश्किल इसलिए होता है, क्योंकि यह एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसे अनुभवी एक्सपर्ट ही कर सकते हैं। इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट के थ्रू पेरेंट्स और टीचर्स एक बच्चे की इंटेलिजेंस और इंटरेस्ट दोनों के बारे में जान सकते हैं। जिस तरह से बच्चों की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए स्कूल्स और पेरेंट्स अपने बच्चों का रेग्युलर हेल्थ चेक-अप कराते हैं, ठीक उसी तरह बच्चे के एप्टिट्यूड को भी रेग्युलर्ली चेक करते रहना चाहिए। बच्चे के एप्टिट्यूड को भी उसकी हेल्थ के जितना ही अटेंशन देने की जरूरत है।
हॉवर्ड गार्डनर की मल्टीपल इंटेलिजेंस थ्योरी
हॉवर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के प्रोफेसर हॉवर्ड गार्डनर ने बच्चों की इंटेलिजेंस को मेजर करने के लिए मल्टीपल इंटेलिजेंस का प्लान डेवलप किया था। हॉवर्ड गार्डनर ने सात डिफरेंट इंटेलिजेंस टाइप को आइडेंटिफाई किया। एक रिसर्च और गार्डनर के मुताबिक, 'हर बच्चे में अलग इंटेलिजेंस लेवल होता है, जिसकी वजह से वह चीजों को डिफरेंट तरह से समझते, परफॉर्म करते और याद रखते हैं।'
गार्डनर का कहना है कि यह डिफरेंसेज हमारे एजुकेशन सिस्टम को चैलेंज करते हैं, जहां ये समझा जाता है कि हर बच्चा एक तरह से एक ही स्टडी मटीरियल को समझ सकता है और उसे याद कर सकता है। हमारे एजुकेशन सिस्टम में स्टूडेंट के इंटेलिजेंस लेवल परज्यादा फोकस नहीं किया जाता है जिस वजह से यह जान पाना मुश्किल होता है कि किस बच्चे को क्या चीज कैसे समझ आ रही है।
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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari