इंडिया की ब्लाइंड स्विमर ने भीख मांगकर गुजारे दिन फिर जीता सिल्वर मेडल। पीसीआई से नहीं मिली कोई मदद साई को बताया गया जिम्मेदार।

इंडियन स्पोट्र्स एडमिनिस्ट्रेशन की गलतियों का खामियाजा इंडिया की एक ब्लाइंड पैरा एथलीट स्विमर को भुगतना पड़ा। नागपुर की कंचनमाला एस11 कैटेगरी में स्विमिंग करती हैं, लेकिन बर्लिन दौरे के वक्त पैरालंपिक कमेटी ऑफ  इंडिया (पीसीआई) की गलती के कारण उन्हें बेहद गरीबी के दिनों से गुजरना पड़ा। वह और 5 अन्य खिलाड़ी पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए 3-9 जुलाई तक जर्मनी की राजधानी बर्लिन में थे। इस दौरे के लिए जो पैसा सरकार ने उनके लिए दिया था, वह उन तक नहीं पहुंचा। अंत में कंचनमाला को अनजान देश में लोगों से भीख तक मांगनी पड़ी। पीसीआई ने इसके गलती के लिए स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ  इंडिया (साई) को जिम्मेदार ठहराया है। इतना सब होने के बावजूद कंचनमाला और सुयश जाधव ने वल्र्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है। इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाली चंचनमाला इकलौती इंडियन स्विमर हैं। कंचनमाला और उसकी एस्कॉर्ट जमीला पांडे बर्लिन दौरे के लिए चुने गए थे, जिसके लिए सरकार ने स्पांसरशिप दी थी। हालांकि पीसीआई ने उन्हें पैसा मुहैया नहीं कराया और उन्हें खुद अपने होटल और खाने के पैसे देने पड़े।

 

5 लाख का लिया लोन
नागपुर में रिजर्व बैंक में असिस्टेंट के पद पर नियुक्त कंचनमाला ने मेल टुडे को बताया कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी मुसीबत मुझे झेलनी पड़ेंगी। मैंने 5 लाख का लोन लिया था, ताकि मैं टूर्नामेंट में भाग ले सकूं। मुझे वल्र्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना था और मुझे नहीं पता कि पीसीआई ने इसकी अहमियत क्यों नहीं समझी। कंचनमाला ने बताया, 'मुझे इस बारे में भी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है कि जो खर्चा मैंने किया है, क्या मुझे उसका भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुझे 70000 रुपए होटल और 40 हजार रुपए खाने के चुकाने हैं।

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गायब रहा पीसीआई का रिप्रजेंटेटिव
उन्होंने यह भी बताया कि पीसीआई ने कंवलजीत सिंह को पैरा स्विमर्स की मदद करने के लिए साथ भेजा था। उन्होंने कथित तौर पर बताया कि सिंह ने उनकी कोई मदद नहीं की। जब भी इवेंट होते थे, वह गायब रहते थे। इतना ही नहीं उन्होंने खिलाडिय़ों से पार्टिसिपेशन फीस के रूप में 90 पाउंड (7462 रुपए) भी मांगे। वहीं पीसीआई के वाइस प्रेसीडेंट गुरचरण सिंह ने कहा कि स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ  इंडिया (साई) ने इस टूर्नामेंट के लिए कोई पैसा दिया ही नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि खिलाडिय़ों को उनका पैसा दिया जाएगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra