लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए और अपनी सरकार बनाने के लिए हर पार्टी ने ढ़रों वादे किए हैं. पार्टियों ने जनता लुभाने के लिए अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए हैं. अब सोचने वाले बात ये है कि क्या वोट मिल जाने और सरकार बन जाने के बाद ये पॉलिटिक्ल पार्टीज अपने वादों पर कायम रहेंगी या नहीं? आइए नजर डालते हैं पॉलिटिक्ल पार्टियों के उनके घोषणा पत्र में दिए हुए उनके मुद्दों और वादों पर.


कांग्रेसघोषणा पत्र को रीलीज करने में बीजेपी इस बार सबसे पीछे रही. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में महंगाई से निपटने के लिए विशेष फंड,फसल उत्पादन के लिए रियल टाइम डाटा,कालेधन को लाने के लिए विशेष कानून,कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष अदालतें,अयोध्या में राममंदिर,विदेशी किराना खुदरा में नहीं,भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई-गवर्नेस,रोजगार केंद्र को करियर सेंटर,आतंकवाद रोकने के लिए कानून,भारत में बुलेट ट्रेन योजना जैसे ढ़ेरों मुद्दों पर फोकस किया है.आपसमाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए सभी वर्गो को लुभाने की कोशिश की. किसानों, पिछड़ों, अल्पसंख्यक, व्यापारियों और बेरोजगारों के साथ सवर्णो पर भी सपा ने अपने घोषणा पत्र में दरियादिली दिखाई है. आरजेडी
लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने अपने घोषणा पत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने, किसानों को मनरेगा के माध्यम से कृषि श्रमिक उपलब्ध कराने, केंद्र प्रायोजित व अन्य योजनाओं में अनुबंध पर नियोजित कर्मियों की सेवा नियमित करने, सवर्ण जाति के गरीबों को आरक्षण और सभी बुजुर्गों को पेंशन देने का वादा किया है.Hindi news from National news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma