ट्रेनों में मिलेंगे डिस्पोजेबल बेड रोल, ऑटोमैटिक होंगे दरवाजे
राजधानी में डिस्पोजेबल लिनेन बेड रोलअगर आप दिल्ली मेट्रो जैसे ऑटोमैटिक दरवाजों इंडियन रेलवे की ट्रेन्स में भी एक्सपेक्ट करते थे तो मोदी सरकार आपकी इस एक्सपेक्टेशन को जल्दी पूरा कर सकती है. दरअसल अपकमिंग रेल बजट में रेल मंत्रालय राजधानी एक्सप्रेस में डिस्पोजेबल लिनेन और ऑटोमैटिक गेट लगवाने की योजना पर विचार कर सकती है. सरकार नमक ढुलाई के लिए कुछ लाइट वेट वेगंस को भी बनाने पर विचार कर सकती है. इसके साथ ही एक हाई केपेसिटी मिल्क वैन बनाने के बारे में भी विचार हो सकता है. यह मिल्क वैन 44600 लीटर दूध ढोएगी जबकि वर्तमान क्षमता 40,000 लीटर है. इसके साथ ही इस नई मिल्क वैन का वजन 37 टन होगा जबकि पिछली वैन का वजन 29.7 टन है. हाई केपेसिटी डब्बों की योजना
इनके साथ सरकार स्टील कॉइल ढोने के लिए हाई केपेसिटी डब्बों को बनाने की योजना को भी अतिंम रूप दे रहा है. दरअसल मेन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री काफी समय से स्टील ट्रांसपोर्टेशन में प्रॉब्लम महसूस कर रहा है. इन हाई केपेसिटी डब्बों के साथ ज्यादा स्टील कॉइल्स ढोए जा सकेंगें. फिलहाल माल ढोने के डिब्बों से 2346 टन स्टील ढोई जा रही है. नए डब्बों के साथ इस मात्रा को बढाया जा सकता है. रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार में रेल मंत्री सदानंद गौड़ा रेलवे में सुविधाएं और सिक्योरिटी बढाने पर विचार कर सकते हैं. बंगलौर राजधानी में होगा प्रयोगराजधानी एक्सप्रेस में साफ सफाई को ध्यान में रखते हुए डिस्पोजेबल लिनेन प्रोवाइड कराने के प्रयास को सबसे पहले बंगलौर राजधानी एक्सप्रेस में यूज किया जाएगा. गौरतलब है कि बंगलौर राजधानी में साफ सफाई को लेकर कई बार शिकायतें आ चुकी हैं. यह लिनेन बेड रोल बिना सिली हुई पॉलिस्टर फेब्रिक से बनी होंगी जिन्हें यूज करने के बाद डिस्पोज के बाद फेंका जा सकेगा. इसे एक प्रयोग की तरह लिया जा रहा है और अतिंम निर्णय लिनेन यूजर्स का फीडबैक लेने के बाद ही लिया जाएगा. शताब्दी ट्रेनों में होंगे ऑटोमेटिक गेटइसके साथ ही शताब्दी ट्रेनों में ऑटोमेटिक क्लोजिंग डोर सिस्टम लाएगा. इस सिस्टम के आने से शताब्दी ट्रेनों की सिक्योरिटी फुल प्रूफ हो जाएगी. इसके साथ ही यह सिस्टम ईएमयू ट्रेनों में भी लगाया जा सकता है.