रेलवे रिजर्वेशन कराने के बाद हर एक पैसेंजर जैसे ही स्‍टेशन पर पहुंचता है वैसे ही वो अपनी सीट का फाइनल स्‍टेटस जानने के लिए रिजर्वेशन चार्ट देखता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह ट्रेन पर चिपकाया जाने वाला यह चार्ट गोंद से नहीं बल्कि उबले आलू से चिपकाया जाता है? हैरान हो गए न? जी हां भले ही पूरे इंडिया में ऐसा न होता हो लेकिन वर्ल्‍ड के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म के चलते दुनिया में फेमस गोरखपुर स्टेशन पर रिजर्वेशन चार्ट चिपकाने के लिए कर्मचारियों को गोंद नहीं मिलता। ऐसे में यहां का हर एक TC अपने घर से उबले आलू लाकर ये चार्ट चिपकाते हैं। आलुओं से चार्ट चिपकाने के कारण ट्रेन चलते ही ये चार्ट उड़ जाते हैं। नतीजा यह होता है कि इससे आगे के स्टेशनों पर बैठने वाले पैसेंजर अपना नाम व सीट नंबर देखने के लिए चार्ट ढूंढते ही रह जाते हैं।

दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म वाले स्टेशन पर चार्ट चिपकाने के लिए नहीं मिलता गोंद
भारत में नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे का हेडक्वार्टर यानि गोरखपुर रेलवे स्टेशन दुनिया में सबसे लंबे प्लेटफॉर्म के चलते तो फेमस है ही। अब इस स्टेशन की जुगाड़ टेक्नोलॉजी के चलते इसकी पॉपुलैरिटी और बढ़ने वाली है। इस स्टेशन पर रेलवे की तरफ से गोंद की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में, कर्मचारियों के सामने मजबूरी होती है कि वे अपने जेब से गोंद की व्यवस्था करें। बताते हैं कि शुरू- शुरू में तो कर्मचारियों ने इसकी व्यवस्था की लेकिन खर्च बढ़ता गया। इससे कर्मचारियों ने ऐसी तरकीब निकाली कि जेब को भी अधिक चपत न लगे और ड्यूटी भी हो जाए।

स्टेशन पर तैनात टिकट क्लर्क अपने घर से रोजाना लाते हैं एक किलो उबले आलू
ट्रेन के कोचेस पर चार्ट चिपकाने का खर्च कम करने के लिए टिकट क्लर्कों ने नई जुगाड़ निकाल ली है। यानि अब ये लोग रोज घर से आधा से एक किलो आलू उबालकर लाते हैं और ट्रेन के कोचेस पर वही आलू रगड़कर रिजर्वेशन चार्ट उस पर चिपका देते हैं। गोरखपुर रेलवे स्टेशन के TC बताते हैं कि एक ट्रेन की सभी बोगियों पर रिजर्वेशन चार्ट लगाने में 2 आलू खर्च हो जाते हैं। दिन भर ट्रेनों पर चार्ट लगाने के लिए करीब 12- 15 आलू रोजाना खर्च होता है। ऐसे में ट्रेनों पर रिजर्वेशन चार्ट चिपकाने के लिए टीसी को रोजाना अपने घर से करीब एक किलो उबला आलू लाना पड़ता है।

National News inextlive from India News Desk

 

Posted By: Chandramohan Mishra