चाइनीज कैंची के इंपोर्ट बंद होने पर बढ़ा देसी कैंची का कारोबार

2-3 साल से चाइनीज कैंची के चलते मंदा था देसी कैंची का व्यापार

30 करोड़ का सालाना कारोबार है चाइनीज कैंची का भारत में

- 70 प्रतिशत बाजार पर चाइनीज कैंची ने कर लिया था कब्जा

Meerut । देश और दुनिया में खौफ का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस का असर भारत के उद्योग धंधों पर भी पड़ना शुरु हो गया है। कोरोना वायरस के कारण जहां चाइना से आने वाले सभी प्रकार के माल की आवाजाही पर रोक लग गई है, जिस कारण से अधिकतर उद्योग धंधों की गति धीमी पड़ गई है वहीं इसके उलट मेरठ के कैंची उद्योग की धार और अधिक पैनी हो आ रही है। कोरोना वायरस से कैंची उद्योग डाउन होने के बजाए उछाल पर है। चाइनीज कैंची से मेरठ के कैंची उद्योग को हर साल काफी नुकसान पहुंच रहा था, लेकिन चाइना से कैंची के इंपोर्ट पर बैन के बाद अब वापस मेरठ के कारीगरों की कैंची की डिमांड बढ़ गई है।

हर साल 30 करोड़ की चपत

मेरठ का कैंची उद्योग देश विदेश में ख्याति प्राप्त है। यहां के कारीगरों के हाथ से बनी कैंची का कुछ साल पहले तक बहुत बड़ा बाजार था, लेकिन पिछले दो तीन साल से चाइनीज कैंची का इंपोर्ट शुरु होने से देसी कैंची की पकड़ बाजार में कमजोर पड़ गई थी। चाइनीज कैंची सस्ती होने के कारण देसी कैंची से अधिक बाजार में छा गई थी। हालत यह है कि कोरोना से पहले चाइनीज कैंची का भारत में सालाना कारोबार 30 करोड़ के करीब है तो मेरठ की कैंची का सालाना कारोबार करीब 20 करोड़ पर सिमट गया था। ऐसे में अब चाइनीज कैंची के इंपोर्ट पर रोक लगने से दोबारा मेरठ की कैंची उद्योग में उछाल आना शुरु हो गया है।

आने शुरु हुए आर्डर

जानकारों के अनुसार साउथ इंडिया में चाइनीज कैंची ने अपनी पकड़ बनाते हुए 70 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर लिया था। जबकि साउथ इंडिया में सबसे अधिक मेरठ की कैंची की डिमांड रहती थी, लेकिन अब यहां से केवल 30 प्रतिशत ही माल सप्लाई हो रहा था। अब चाइनीज माल रुकने के कारण साउथ के व्यापारियों ने मेरठ के कारीगरों से संपर्क कर आर्डर देना शुरु कर दिया है। अगर चाइनीज कैंची का इंपोर्ट अगले कुछ दिनों तक शुरु नही हुआ तो साउथ के बाजार में शप प्रतिशत मेरठ की कैंची दोबारा अपनी पकड़ बना लेगी।

कोटस-

चाइनीज कैंची के कारण मेरठ के कैंची उद्योग को सबसे अधिक नुकसान पहुंच रहा था। सस्ती और वन टाइम यूज की होने के कारण लोग चाइनीज कैंची को अधिक पसंद किया जा रहा था लेकिन अब चाइनीज कैंची का इंपोर्ट रुकने के कारण दोबारा मेरठ की कैंची के आर्डर मिलने शुरु हुए हैं। सबसे अधिक साउथ इंडिया से आर्डर आने शुरु हो गए हैं।

- शरीफ अहमद, वाइस प्रेसीडेंट सीजर क्लस्टर

चाइनीज कैंची की क्वालिटी और उम्र दोनों ही बेहद कम है उसकी मेरठ की कैंची से तुलना नही की जा सकती लेकिन सस्ती होने के कारण लोग को अधिक पसंद आ रही थी। इसके रोक लगने पर मेरठ के उद्योग को फायदा मिलेगा।

- मो। सईद, मेंबर सीजर क्लस्टर

Posted By: Inextlive