भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना है। ऐसे ही एक क्रिकेटर का आज जन्मदिन है जिसने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था मगर खेल से ज्यादा वह किसी और वजह से चर्चा में रहे।


कानपुर। 26 जुलाई, 1927 को पाकिस्तान के कराची में जन्में गुलाब राय रामचंद भारत के टेस्ट प्लेयर रहे हैं। रामचंद ने साल 1952 में इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू किया था। रामचंद की खासियत थी कि वह न सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में भी कमाल दिखाते थे। कहा जाता है कि अगर वह आज के समय में पैदा हुए होते तो वनडे क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार होते, हालांकि अपने 8 साल के इंटरनेशनल करियर में रामचंद ने कोई भी वनडे मैच नहीं खेला। इसकी वजह थी उस समय वनडे क्रिकेट अस्तित्व में भी नहीं आया था। बता दें भारत ने पहला वनडे मैच 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था तब तक रामचंद क्रिकेट को अलविदा कह चुके थे।ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली जीत दिलाने वाले कप्तान


ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, रामचंद ने अपने पूरे करियर में कुल 33 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 24.58 की औसत से 1180 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 5 अर्धशतक भी निकले। हालांकि गेंदबाजी की बात करें तो दाएं हाथ के मीडियम पेसर रहे रामचंद ने 41 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी चटकाए। इसके एक बार 5 विकेट भी शामिल हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में साधारण से दिखने वाले रामचंद ने अपनी प्रतिभा का लोहा फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट में मनवाया। 145 मैचों में उनके नाम 6026 रन और 255 विकेट दर्ज हैं। यही नहीं भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट जीत भी रामचंद की कप्तानी में मिली थी।पहले क्रिकेटर जिन्होंने की एडवरटाइजिंगरामचंद को उनके खेल के जरिए भले ही दुनिया में ज्यादा पहचान न मिली हो मगर उन्होंने एक ऐसा ट्रेंड सेट किया जिसे आज कोहली से लेकर धोनी तक सभी फॉलो करते हैं। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, रामचंद बड़े-बड़े ब्रांड्स के साथ एंडोर्समेंट करने वाले पहले क्रिकेटर थे और ये एड उन्हें तब मिले जब वह क्रिकेट छोड़ चुके थे। हालांकि क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद रामचंद ने कॉरपोरेट वर्ल्ड में कदम रखा, उन्होंने करीब दो दशक तक एअर इंडिया में नौकरी की। मरने से पहले पूछा था स्कोर

रामचंद क्रिकेट से कितना प्यार करते थे इसका एक उदाहरण तब मिला, जब वह अंतिम सांसों में भी मैच के बारे में जानना चाह रहे थे। दरअसल 2003 में हॉर्ट अटैक के चलते रामचंद को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। इधर उनकी हालत काफी क्रिटिकल थी फिर भी उन्होंने अपनी पत्नी से उस दिन खेले गए पाकिस्तान बनाम बांग्लादेश मैच का स्कोर पूछा। यह जानते ही वह 8 सितंबर 2003 को दुनिया को अलविदा कह गए।जब भारत के 10 खिलाड़ी मिलकर भी नहीं बना पाए थे इस इंग्लिश बल्लेबाज के बराबर रनइंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीत पाए हैं सिर्फ ये 3 कप्तान, अबकी बार कोहली का इम्तहान

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari