भारतीय महिला क्रिकेट टीम की गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। झूलन महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा वनडे विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं और भारतीय टीम में तब से खेल रहीं जब धोनी प्लेटफॉर्म में टिकट चेक किया करते थे।


कानपुर। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मुख्य गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। झूलन ने गुरुवार को टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। तीन महीने बाद जब आईसीसी वर्ल्ड टी-20 खेला जाना है तब उससे पहले 35 साल की यह गेंदबाज टी-20 से रिटायर हो गई। 68 टी-20 मैचों में 56 विकेट ले चुकीं झूलन मानती हैं कि अब उनकी उम्र उनका साथ नहीं देती। गुरुवार को मिडडे से बातचीत में झूलन ने कहा, 'मुझे लगता है मैं इस फॉर्मेट में अपना 100 परसेंट नहीं दे पा रही। यह खेल तेजी से आगे बढ़ता है और मेरी उम्र को देखते मैं दूसरों की तुलना में काफी पीछे रह जाती। मैंने इसमें हमेशा बेहतर करने की कोशिश की लेकिन अब मैं अपनी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रही। इसलिए संन्यास ले रही हूं।'



धोनी से पहले टीम में शामिल हुईं

विश्व क्रिकेट में हमेशा से पुरुषों का वर्चस्व रहा है। दौलत, शोहरत, स्टारडम जो कुछ भी है सब पुरुष क्रिकेटरों को मिलता है। भारत हो या अन्य देश कहीं भी महिला खिलाड़ियों को उतनी पॉपुलैरिटी हासिल नहीं होती। इसके बावजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कुछ खिलाड़ियों ने मेहनत के बलबूते अपना नाम कमाया है। इनमें से एक हैं तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी। झूलन तब से क्रिकेट खेल रही है, जब धोनी का नाम तक कोई नहीं जानता था। एमएस धोनी ने साल 2004 में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, जबकि झूलन 2002 में ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल हो गईं थीं।जब धोनी प्लेटफॉर्म पर टिकट चेक करते थे, तब यह महिला खिलाड़ी टीम में आई और आज भी वनडे और टेस्ट खेल रही।80 किमी दूर ट्रेन से जाती थी क्रिकेट सीखनेएक लड़की होकर क्रिकेट में करियर बनाना झूलन के लिए आसान नहीं था। घरवाले जहां पढ़ाई का दबाव बनाते थे, वहीं यार-दोस्त मजाक उड़ाते थे। लेकिन झूलन को क्रिकेट खेलना था, तो खेलना था। 15 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने का कीड़ा काट चुका था। घर पश्चिम बंगाल के एक छोटे से कस्बे नादिया में था, वहां क्रिकेट सिखाने वाला न कोई गुरु था, न ही स्कूल। ऐसे में झूलन 80 किमी दूर ट्रेन से कोलकाता क्रिकेट सीखने जाया करती थीं। जब धोनी प्लेटफॉर्म पर टिकट बेचते थे,तब यह महिला खिलाड़ी टीम में आई और आज भी खेल रहीसबसे ज्यादा विकेट लेने वाली महिला गेंदबाज
झूलन की कड़ी मेहनत और जज्बे का ही नतीजा था कि 19 साल की उम्र में उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिल गया था। झूलन ने चेन्नई में साल 2002 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना पहला वनडे मैच खेला। तब से लेकर अभी तक, झूलन ने 169 वनडे खेल लिए हैं, जिसमें उन्होंने 203 विकेट अपने नाम किए। महिला क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज झूलन गोस्वामी हैं। यही नहीं मौजूदा वक्त में सबसे तेज गेंद फेंकने वाली भी झूलन ही हैं, वह 120 किमी/घं की स्पीड से गेंद फेंकती हैं।धोनी के हाथों मिला था अवार्डसाल 2007 में झूलन को आईसीसी वुमेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड उन्हें भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने दिया था। इसके अलावा झूलन को 2010 में अर्जुन अवार्ड और 2012 में पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।तीसरे टेस्ट में हुई थी गाली-गलौच, कोई नहीं भूलेगा भारत बनाम इंग्लैंड के ये 5 विवादविराट ने 7 बार ऐसे जिताया है टीम को, दुनिया का कोई भी कप्तान नहीं कर सका ऐसा

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari