अमेरिकी एयरपोर्ट पर पाकिस्तानी पीएम शाहिद खक्कान अब्बासी की तलाशी लेने का मामला अभी काफी सुर्खियों में है. बता दें कि भारत दुनिया के उन 11 देशों में शामिल है जिनके नागरिकों को अमेरिकी हवाईअड्डों पर इमिग्रेशन की लंबी लाइन में नहीं खड़ा होना पड़ता है। अमेरिका अपने एक खास प्रोग्राम के तहत एक ऐसी विशेष सुविधा प्रदान करता है जिससे भारतीय नागरिकों को वहां के हवाईअड्डों पर अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। आइये उस सुवधाओं के बारे में विस्तार से जानें।


भारतीय को विशेष सुविधा प्राप्त अमेरिका अपने 'ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम' के तहत भारतीय नागरिकों को हवाईअड्डों पर एक विशेष सुविधा प्रदान करता है। यह सुविधा अमेरिकी सीमा शुल्क एवं बॉर्डर सुरक्षा (सीबीपी) विभाग की ओर से दी जाती है। इसका लाभ लेने के लिए यात्रियों को नामांकन करवाकर मंजूरी लेनी होती है। बता दें कि मंजूरी लेने के लिए भारतीय नागरिकों को वहां कुछ आसान प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। यह है प्रक्रियानामांकन के बाद सबसे पहले आवेदक की जांच होती है। इसके बाद सीबीपी उनका इंटरव्यू लेता है और पूरी तरह संतुष्ट होने पर उन्हें इस सेवा का लाभ उठाने की मंजूरी दे देता है। फिर ऐसे यात्री अमेरिका के चुनिंदा हवाईअड्डों पर उतरने के बाद स्वचालित व्यवस्था की मदद से तुरंत बाहर निकल जाते हैं। यह सविधा भारतीयों को सिर्फ अमेरिका के 'ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम' के तहत ही प्राप्त होती है।


इस साल हुई थी इस प्रोग्राम की शुरुआत

बता दें कि अमेरिकी सरकार ने भारतीय नागरिकों के लिए इस प्रोग्राम की शुरुआत साल 2017 में की थी। इसके अलावा अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना इस प्रोग्राम में नामांकन करवाने वाले पहले भारतीय थे। जानकारी के मुताबिक यह सेवा फिलहाल अमेरिका के 53 हवाईअड्डों और 15 प्री-क्लियरेंस केंद्रों पर ही लागू है।भारत के अलावा इन देशों को भी सुविधाबता दें कि भारत के अलावा अमेरिका के नागरिक व ग्रीन कार्ड धारक और अर्जेटीना, कोलंबिया, जर्मनी, मैक्सिको, नीदरलैंड्स, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन के नागरिकों को यह सुविधा प्राप्त है। इसके बाद कनाडा के ऐसे निवासी, जिन्होंने नेक्सस में अपना नामांकन कराया है, वे भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

Posted By: Mukul Kumar