- औद्योगिक नगरी की तीन कंपनियां हो जाएंगी बंद

- कर्मचारियों को वीआरएस दिए जाने की शुरु हुई प्रक्रिया

>NAINI(22Feb,JNN): औद्योगिक नगरी नैनी को संगम के स्मार्ट सिटी बनने के सपने पर जोर का झटका लगने वाला है। क्योंकि ओद्योगिक क्षेत्र में वर्षो से स्थापित तीन बड़ी कंपनियां बंद होने के कगार पर आ गई हैं। कंपनियों के प्रबंधन ने इसके लिए कवायद भी शुरू कर दी है। कर्मचारियों को वीआरएस लेने के लिए मनाया जा रहा है। लेकिन इन सब के बावजूद भी कई कर्मचारी खुले तौर पर इसके विरोध में उतर आए हैं। आर-पार की लड़ाई लड़ने का दावा भी ठोक दिया है।

बंद होती गई कंपनियां

एक समय था यमुनापार में मशहूर रेमंड, टीएसएल, कॉटन मिल्स, लिफ्टन, त्रिवेणी ग्लास फैक्ट्री संचालित थीं। ये एक के बाद एक बंद होती चली गई। केंद्र की सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका का सहयोग लेकर इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी और नैनी में इडंस्ट्रियल सिटी डेवलप करने की योजना बनाई है। लेकिन हकीकत इसके उलट यहां की आईटीआई कंपनी, हिंदुस्तान केबिल्स लिमिटेड और रिलायंस कंपनी बस अब चंद दिनों की मेहमान रह गई हैं। हिंदुस्तान केबिल्स लिमिटेड (एचसीएल) को बंद करने के लिए उद्योग मंत्रालय की ओर से पहल भी शुरू हो गई है। कंपनी के सोलह सौ कर्मचारियों को वीआरएस और वीएसएस के जरिए भुगतान करने के लिए आदेश दे दिया गया है। वहीं रेमंड कंपनी खरीदकर इलाहाबादी उद्योग को बढ़ाने वाली रिलायंस कंपनी भी एचसीएल की राह पर ही चल पढ़ी है। यहां 80 से 90 प्रतिशत काम ठप हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के मालिकानों ने लगातार हो रहे घाटे को देखते हुए कंपनी को बंद करने का निर्णय ले लिया है। वहीं पूरी तरह से ठप पड़ी आईटीआई कंपनी पर भी जल्द ही मंत्रालय ताला लगवा सकती है। पिछले पांच माह से कर्मचारियों को वेतन तक नसीब नहीं हुआ है।

हिंदुस्तान और आईटीआई में विरोध की लौ

कंपनी के बंद होने की आशंका से डरे हिंदुस्तान औ आईटीआई के कर्मचारी प्रबंधन और सरकारों के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। हिंदुस्तान केबिल्स श्रमिक संघ के कर्मचारियों ने बैठक कर एनडीए सरकार को मजदूर और गरीब विरोधी है। इसलिए वह कंपनी को बंद कर क्म्00 कर्मचारियों को भूख से मरने के लिए छोड़ने का मन बना चुकी है। कर्मचारियों ने आम मत बनाया की वीआरएस और वीएसएस दिए जाने का आदेश अगर वापस नहीं लिया जाता तो कर्मचारी भूख हड़ताल करेंगे। वहीं आईटीआई के कर्मचारियों ने सरकार को तीन मार्च तक का समय देते हुए कंपनी को बेहतर स्थिति में बनाने व उनके रुके हुए वेतन का भुगतान करने को कहा है। मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

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- एचसीएल को बंद होने से बचाने के लिए प्रबंधन लगातार कोशिश कर रहा है। सरकार से वार्ता हो रही है। उम्मीद है कि इसे रक्षा मंत्रालय के सुपुर्द किया जा सकता है।

- अनुराग जायसवाल, प्रबंधक

हिंदुस्तान केबिल्स

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वर्तमान केंद्र सरकार कर्मचारी और मजदूर विरोधी है। सरकार ने एचसीएल बंद करने का निर्णय ले लिया है। जिसका जोरदार विरोध किया जाएगा। सभी यूनिट के कर्मचारी बड़े आंदोलन के मूड में हैं।

अनिरुद्ध कुमार तिवारी, अध्यक्ष

एचसीएल श्रमिक संघ

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वीआरएस लागू करने के लिए कई बार आदेश आ चुके हैं। जो कर्मचारी स्वेच्छा से वीआरएस ले रहे हैं उस पर संघ कंपनी के साथ है, लेकिन अगर जोर जबरदस्ती की जाएगी तो उसका विरोध ि1कया जाएगा।

दशरथ सिंह, अध्यक्ष

रिलायंस इंडस्ट्री कमर्चारी संघ

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कर्मचारियों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं दिया गया है। इसका सांकेतिक विरोध शुरू हो चुका है। तीन मार्च के बाद कर्मचारी उग्र प्रदशर्1न करेंगे।

गणेश कुमार तिवारी, अध्यक्ष

इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज मजदूर संघ

Posted By: Inextlive