- मुखबिर व्हाट्सएप कर बताते हैं आरटीओ टीम की लोकेशन

- रास्ता बदलकर निकल जाते हैं ओवरलोड ट्रक

GORAKHPUR: अभी तक मुखबिर की सूचना पर प्रशासन गुड वर्क करता आया है। आए दिन एक से बढ़कर एक मामलों के खुलासे मुखबिर की बदौलत ही होते रहते हैं। लेकिन यही मुखबिर इस समय आरटीओ के सिर का दर्द बने हुए हैं। मामला ही कुछ अजब-गजब है कि किसी का भी सिर चकरा जाए। बताया जा रहा है कि जब भी आरटीओ टीम चेकिंग के लिए निकलती है तब उसके पीछे बाइक सवार मुखबिर लग जाते हैं, जो आरटीओ की लोकेशन ओवरलोड चलने वाले ट्रक ड्राइवरों को देते हैं। जिससे आरटीओ टीम जहां भी चेकिंग के लिए पहुंचती है, वहां से खाली हाथ ही लौटती है। वहीं सूचना पाकर ट्रक ड्राइवर दूसरे रास्ते का यूज कर अपनी मंजिल की तरफ निकल जाते हैं।

नहीं मिलती ओवरलोड गाडि़यां

आरटीओ प्रवर्तन डीडी मिश्रा ने बताया कि जब भी टीम चेकिंग के लिए निकल रही है तो उस रास्ते पर उसे ओवरलोड गाड़ी पकड़ने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है। एक बार ऐसा हो तो इसे संयोग माना जा सकता है, लेकिन ऐसा बार-बार हो रहा है। वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि गाडि़यां मिलती हैं और ड्राइवर पहले ही भाग जाते हैं। इसलिए जरूर कोई ऐसा है जो आरटीओ की सूचना लीक कर रहा है।

व्हाट्सएप से भेज रहे सूचना

आरटीओ से मिली सूचना के अनुसार अभी कुछ दिन पहले चेकिंग टीम ने कुछ ओवरलोड ट्रक पकड़े थे। ट्रक चेकिंग के दौरान ड्राइवर का मोबाइल देखकर सभी अधिकारी चौंक गए थे। ड्राइवर के मोबाइल पर ढेरों व्हाट्सएप मैसेज आए हुए थे जिसमें आरटीओ टीम की गाड़ी से निकलते हुए फोटो भी मिली। ड्राइवर से इस बारे में पुछा गया तो पता चला कि आरटीओ टीम जिधर भी निकलती है उसकी सूचना मुखबिर उनकी फोटो के जरिए व्हाट्सएप कर देता है। इसके बाद ट्रक वाले अलर्ट हो जाते हैं और अपना रास्ता बदल देते हैं।

बाइक सवार करते पीछा

आरटीओ ने बताया कि जैसे ही टीम चेकिंग के लिए निकलती है, उसके पीछे बाइक सवार दो लोग लग जाते हैं। वे टीम की पल-पल की लोकेशन वायरल करते रहते हैं।

एक साथ जुड़े रहते हैं 500 ट्रक

ये भी पता चला है कि ओवरलोड चलने वाले ट्रक ड्राइवरों ने अपना एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसमें करीब 500 ट्रक ड्राइवर जुड़े हुए हैं। मुखबिर इस ग्रुप पर पल-पल की सूचना शेयर करते रहते हैं जिसके बदले उन्हें मोटी रकम दी जाती है।

चलता है टोकन सिस्टम

सूत्रों की मानें तो नौसड़ एरिया के एक पेट्रोल पंप पर हर महीने पैसा लेकर ट्रकों की इंट्री कराई जाती है। इसके बाद एक महीने तक ये ट्रक बेरोक-टोक सड़कों पर फर्राटा भरते हैं। इधर सख्ती बढ़ने के बाद इंट्री करने वालों की दाल नहीं गल पा रही है। इसलिए इन लोगों ने अपने काम करने का तरीका बदला है। इन्हीं लोगों ने आरटीओ टीम के पीछे मुखबिर भी लगाए हैं ताकि धंधा चलता रहे।

बनारस रूट से आते ओवरलोड ट्रक

आरटीओ ने बताया कि बनारस, गाजीपुर रोड से ज्यादातर वाहन ओवरलोड आते हैं। इसलिए दोहरीघाट और बड़हलगंज में दूसरी जगहों की आरटीओ टीम लगाई गई है।

वर्जन

मुखबिर से बचने के लिए नया प्लान तैयार कर रहे हैं। अब किसी भी समय टीम अपना रास्ता बदल सकती है। चेकिंग के लिए पहले से कोई प्लान नहीं बनेगा। सबकुछ अचानक होगा।

डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive