छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : शांत मन में ही आत्मा की अनुगूंज सुनाई पड़ती है। शांत रहने की क्यों जरूरत है और यदि हम शांत रहते हैं तो क्या महसूस करते हैं। इनीशिएटिव फोर चेंज के तत्वावधान में शुक्रवार को केपीएस कदमा में चल रहे तीन दिवसीय मोरल अपलिफ्टमेंट पर आयोजित वर्कशॉप में छात्रों को बताया गया कि ब्रह्मांड में अनेकों प्रकार की ध्वनि प्रतिध्वनित हो रही है, लेकिन क्या इन सबके बीच हम अपनी आत्मा की आवाज सुन सकते हैं, जो आत्मा हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती है। इसके अलावा जब हम कुछ गलत करते हैं या झूठ बोलते हैं तो क्या हमें हमारी आत्मा कोसती है। सारे बच्चों ने हाथ उठाकर इसकी हामी भरी। इसके बाद बच्चों को बताया गया कि हमारे लिए जिस प्रकार 'क्वाइट टाइम' महत्वपूर्ण है, वैसे ही जीवन जीने के लिए चार सिद्धांत भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। ईमानदारी, शुद्धता, निस्वार्थ भाव और प्रेम।

करियर को लेकर मिले टिप्स

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में छात्रों को कॅरियर के बनाने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए। उन्हें बताया गया कि कॅरियर बनाने के लिए कोई शॉर्टकट मेथड नहीं है। कठिन परिश्रम, संघर्ष, ध्यान और सतत परिश्रम से ही हम बेहतर कॅरियर बना सकते हैं। बच्चों को एक विशेष प्रकार के अभ्यास के जरिए पढ़ाई, खेलकूद तथा अन्य क्षेत्रों में उनकी वास्तविक स्थिति से अवगत कराया गया। उन्हें उनकी क्षमता से परिचित कराया गया और कॅरियर बनाने के दौरान रास्ते में आने वाली तमाम अड़चनों को दूर करने के उपाय बताए गए। इस कार्यशाला में 27 स्कूलों के 292 छात्र भाग ले रहे हैं। 'लेट्स मेक ए डिफरेंस' नामक वार्षिक युवा सम्मेलन में टाटा स्टील की अर्बन सर्विसेज के साथ आत्महत्या निवारण में सक्रिय संस्था जीवन सहयोग कर रही है। कार्यशाला में शहर के स्कूल-कॉलेज से 16-20 वर्ष के छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है।

पैरेंट्स के लिए भी वर्कशॉप

विरल मजूमदार (दिल्ली) ने बताया कि वर्कशॉप में उन बच्चों को शामिल किया जाता है, जिनमें सुधार की आवश्यकता है। इसमें सहयोग देने आए विनीत (नोयडा), दीप्ति (मुंबई), रचना (पुणे), धनंजय लोखंडे (पुणे) आदि किसी न किसी नौकरी-व्यवसाय से जुड़े हैं। स्थानीय सदस्य अधिवक्ता राजीव अग्रवाल भी इसमें सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। अंतिम दिन इन छात्रों के अभिभावकों के लिए दो घंटे की कार्यशाला होगी।

Posted By: Inextlive