- चोरों की मदद के आरोप में मासूम को बेडि़यों में बांधा

- चोरी के लिए बच्चों को मोहरा बनाते हैं शातिर चोर

- टॉफी, बिस्किट के लिए चंद रुपया पाकर झांसे में आ जाते हैं मासूम

KAUSHAMBI(8July,JNN): उम्र महज आठ साल। आंखों में आंसू और पैरों में बेड़ी। वह समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर किस बात की उसे इतनी बड़ी सजा मिली है। एक टॉफी के लिए अनजान लोगों की बात मान बैठे इस मासूम को बेडि़यों में जकड़ने वालों का कहना था कि वह चोरों का साथी है। घंटों चले हंगामे के बाद कुछ लोगों के बीच बचाव से बच्चे को आजाद किया गया।

टॉफी बिस्किट के लिए बन जाते हैं मोहरा

मंझनपुर एरिया में सक्रिय चोरों का गैंग एरिया के मासूम बच्चों को मोहरा बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा है। टॉफी, बिस्कुट आदि खिलाने के बहाने आसानी से बच्चों को झांसे में लेकर इनसे वो काम करवा लेते हैं जो इन मासूमों को अपराधी बना देती है। गुमटी आदि में चोरी के लिए बच्चों की मदद ली जाती है। इसके पहले इनको खिलाया-पिलाया जाता है। जब बच्चा विश्वास में आ जाता है तो इनको दीवार फंदवाकर दरवाजा खुलवाया जाता है। या ऐसी जगह घुसकर संकरी खोलने के कहा जाता है, जहां बच्चे ही प्रवेश कर सकते हैं। इसके बाद चोरी की घटनाएं अंजाम दी जाती हैं।

छह दुकानों में हुई चोरी

मंगलवार की रात पुलिस लाइन के पास चाय-पान की छह दुकानों का ताला तोड़कर चोरों ने हजारों की सामग्री पार कर दी। पीडि़त राकेश, संतोष, पप्पू, भइयालाल, अनिल व पप्पू कुमार आदि ने पुलिस को मामले की जानकारी दी, लेकिन पुलिस ने जांच करना तक गंवारा नहीं समझा। पुलिस की कार्यशैली से नाराज पुलिस लाइन के सामने दुकान चलाने वाले लगभग एक दर्जन दुकानदारों ने चोरी के विरोध में अपनी दुकाने बंद कर दीं। आरोप लगाया कि एक माह के अंदर चोरी की यह दूसरी घटना हुई है।

बच्चे को पकड़ लिया

अभी दुकानदारों का विरोध चल ही रहा था कि एक दुकानदार ने घना के पुरवा के आठ साल के बच्चे को पकड़ लिया। उसे बेडि़यों में जकड़ दिया। आरोप लगाया कि उसने बच्चे को दुकान में घुसते हुए पकड़ा है। लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो सभी मौके पर पहुंच गए। बच्चे को देखा तो मानवीय संवेदना जताते हुए उसे आजाद करा दिया।

Posted By: Inextlive