- दून हॉस्पिटल के एमएस डॉ. केके टम्टा ने 4 कर्मियों से मांगा स्पष्टीकरण, दिए अहम निर्देश

- जांच ठप होने के मामले का भी लिया संज्ञान, एमएस से प्रिंसिपल ने तलब की डेली रिपोर्ट

देहरादून,

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में आए दिन खराब हो रही मशीनों के पीछे साजिश को लेकर जांच शुरू कर दी गई है. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इस मसले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, इसका संज्ञान लेकर दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना के निर्देश पर हॉस्पिटल के एमएस डॉ. केके टम्टा ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

हैंडओवर न करने वालों पर कार्रवाई

सबसे पहले दून हॉस्पिटल के एमएस ने ऑटोक्लेव मशीन के खराब होने के कारणों की जांच शुरू कर संबधित विभाग के 4 कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है. एमएस ने सख्त निर्देश कि जो भी कर्मचारी किसी भी मशीन पर तैनात रहेगा वह अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद मशीन की कंडिशन का पूरा अपडेट दूसरे कर्मचारी को सौंपेगा. इसके लिए रजिस्टर मेंटेन किया जाए. मशीनों के रखरखाव में लापरवाही को लेकर विभागीय एचओडी पर भी कार्रवाई हो सकती है. जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आई, उसे बख्शा नहीं जाएगा. वहीं हार्ट संबंधी जांच की 20 वर्ष पुरानी ईको मशीन के 7 माह में दोबारा खराब होने के मामले की जांच कर रही 3 सदस्यीय कमेटी को इसी हफ्ते रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं. डॉ. टम्टा ने कहा कि 2 लाख 70 हजार रुपए देकर मशीन सही कराई थी, जो 7 माह में खराब हो गई इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच कराई गई है. रिपोर्ट के आने पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

जांच ठप मामले में एमएस से रिपोर्ट तलब

इधर पैथोलॉजी संबंधी जांचों के ठप होने को लेकर दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने एमएस डॉ. केके टम्टा से रिपोर्ट तलब की है. उन्होंने निर्देश दिए कि एमएस जांच संबंधी मामलों में हर विभाग की डेली रिपोर्ट करें. प्रिंसिपल ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर का संज्ञान लेते हुए कहा कि हॉस्पिटल की पूरी जिम्मेदारी एमएस की होती है. बताया कि हॉस्पिटल, कॉलेज और महिला विंग तीनों को एक सेंट्रल बॉडी की तरह काम करना होगा. बिना सामंजस्य के काम प्रभावित हो रहा है. इसके लिए जल्दी एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी. लेकिन एमएस को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, हॉस्पिटल के एमएस डॉ. केके टम्टा ने कहा कि मंडे से माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांचे शुरू हो जाएंगी. कहा कि दून हॉस्पिटल की ओपीडी में बैठने वाले डॉक्टर और पैथोलॉजी के कर्मचारी अपने काम को लेकर गंभीर नहीं हैं, ऐसे में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.

Posted By: Ravi Pal