आज देश में 23 मार्च को शहीदे आजम भगतसिंह की शहादत दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज ही के दिन तीन वीर सपूतों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्‍यौछावर कर दिया था। जिससे आज देश भर में श्रंद्धाजलि सभा का आयोजन हो रहा है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस राष्ट्रीय सेवा समिति ने भी आज शहीदी दिवस मनाया।


देशभक्ति वाले कार्यक्रम


नेताजी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम प्रभारी लुम्बाराम मेघवाल का कहना है कि उनके फाउंडेशन ने शहीद दिवस को मनाया है। इस दौरान आज सुबह शहीद भगतसिंह, राजगुरू और सुखदेव को आज श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। लोगों ने इस दौरान उन्हें याद किया। उनका कहना है कि यूं तो उन्हें हर दिन याद और हर पल हिंदुस्तानी याद करते रहते, लेकिन आज का दिन ज्यादा खास है। आज के दिन ये तीनों ही वीर सपूत हंसते हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे। इसके अलावा देश भर में आज जगह जगह शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसके अलावा इन तीनों वीर सपूतों के बलिदान को भीगे मन से श्रद्धांजलि दी जा रही है। इसके अलावा डीयू में भी आज ये दिन विशेष रूप से मनाया जा रहा है। यहां पर शहीद दिवस पर खास देशभक्ति के कार्यक्रम पेश किए जाने हैं।

फांसी की सजा सुना दी

गौरतलब है कि जब देश में अंग्रेजों के अत्याचारों से लोग परेशान थे। उस समय अनेक वीर सपूत पैदा हुए जिन्होंने अंग्रेजों की दासता से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष योगदान दिया। जिनमें तीन पक्के क्रांतिकारियों शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का नाम भी शामिल था। इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और 24 मार्च 1931 को तीनों को एक साथ फांसी की सजा सुना दी। ऐसे में उनकी फांसी की खबर पर उनके समर्थक भड़क उठे। सबसे खास बात तो यह रही कि भीड़ ने उस जेल को घेर लिया था, जिसमें ये बंद थे। जिसके बाद लोगों के गुस्से को देखते हुए 23 मार्च 1931 की रात को ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी।

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Posted By: Shweta Mishra