दुनिया के फलक पर गोरखपुर के सितारों ने खूब चमक बिखेरी है. खासतौर नेशनल गेम्स के खिलाडिय़ों ने दुनिया भर में गोरखपुर को पहचान दिलाई है. ओलंपिक टीम में शहर को पहली बार रिप्रेजेंट करने वाले अली सईद हों या फिर 1980 में ओलंपिक टीम में जगह बनाने वाली प्रेम माया. वहीं नई पौध में 36 सालों का सूखा तोड़कर 2016 में रियो ओलंपिक के लिए इंडियन टीम में जगह बनाने वाली प्रीति दुबे सभी ने गोरखपुर का ओहदा और शहर वालों सर फक्र से ऊंचा किया है. वहीं सिटी की पहली फीमेल ओलंपियन और अर्जुन व लक्ष्मीबाई अवॉर्ड होल्डर प्रेम माया ने 1980 के ओलंपिक में विश्व फलक पर गोरखपुर को रिप्रेजेंट किया था. इस दौरान आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने ओलंपिक दल का हौसला बढ़ाया था और रवानगी से पहले खुद इंडिविजुअली खिलाडिय़ों से मुलाकात की थी.


गोरखपुर (ब्यूरो). हॉकी इंडिया में गोरखपुराइट्स ने खूब परचम लहराया है. सिटी से दर्जनों ऐसे हॉकी प्लेयर्स हैं, जिन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है. इस मामले में बेटियां भी कहीं से भी पीछे नहीं है. 1980 के ओलंपिक में प्रेम माया ने गोरखपुर का नाम टीम इंडिया तक पहुंचाया. इसमें टीम इंडिया को चौथा स्थान मिला था. वहीं 1982 के 9वें एशियन गेम्स में भी इन्होंने दमदारी दिखाई. इसमें टीम इंडिया को गोल्ड मेडल हासिल हुआ था. 86 में तीन प्लेयर्स ने बिखेरा जलवा
इंडियन टीम की ओर से गोरखपुर से अब तक भले ही सिर्फ एक खिलाड़ी ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया हो, लेकिन एशियन गेम्स और वल्र्ड चैंपियनशिप में भी शहर की बेटियों ने कामयाबी का परचम लहराया है. 1986 के एशियन गेम्स में सिटी की तीन बेटियों ने एक साथ हिस्सा लेकर यहां का नाम रोशन किया. इसमें ओलंपियन प्रेम माया के साथ पुष्पा श्रीवास्तव और रंजना गुप्ता शामिल हैं. इनके पार्टिसिपेशन में टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. वहीं 98 के एशियन गेम्स में गोरखपुर की निधि खुल्लर ने इंडियन टीम में जगह बनाई. इसमें टीम इंडिया को सिल्वर मेडल मिला.प्रीति ने खत्म किया 36 सालों का सूखा


80 के दशक में गोरखपुर की बेटियों ने खूब दमदारी दिखाई और टीम इंडिया को काफी आगे तक पहुंचाया. मगर इसके बाद तो मानों खिलाडिय़ों का अकाल ही पड़ गया. प्रेम माया के बाद सिटी की कोई भी महिला खिलाड़ी ओलंपिक के लिए जाने वाली इंडियन टीम में जगह नहीं बना पाई. एशियन गेम्स में 98 में आखिरी बार गोरखपुर के खिलाड़ी को टीम इंडिया में जगह मिल सकी थी, इसके बाद 2016 में हुए रियो ओलंपिक में प्रीति दुबे ने यह कारनामा कर दिखाया है और ओलंपिक में शहर के रिप्रेजेंटेशन के सूखे को दूर किया है. गोल्ड मेडलिस्ट टीम का हिस्सा रहे अली सईदसैयद अली सईद वो नाम है, जो सन 1964 के टोक्यो ओलंपिक में हॉकी का टिकट हासिल करने वाली गोल्डन टीम का हिस्सा रहे. पाकिस्तान को फाइनल में रौंदने में इस आउट साइड लेफ्ट खिलाड़ी का अहम योगदान रहा. इनके अलावा यहां के कई किरदारों ने सन 1980 और 2016 के ओलंपिक में स्टिक का मुजाहिरा किया.

Posted By: Syed Saim Rauf