आज भले ही महिलाएं आपको दुनिया के हर एक क्षेत्र में दिखाई दे जाएंगी। इसके बावजूद आज भी इन्‍हें पुरुषों की तुलना में कमतर ही समझा जाता है। ऐसे में जब बात हो किसी नई खोज की तो भी शर्तिया आंखों के सामने सबसे पहले किसी पुरुष की ही छवि ही उभरती है। ऐसे में आपको शायद शॉक लग जाता हो जब आपको किसी खोज के पीछे किसी महिला का नाम सुनने को मिलता हो। आइए जानते हैं ऐसी ही 10 बेहतरीन खोजों के बारे में जो इस विश्‍व को महिलाओं के हाथों ही मिली हैं।


1 . डिशवॉशर : डिशवॉशर से तो आप लोग बेहद अच्छी तरह से परिचित होंगे। 1886 में जोसेफीन कोकरेन ने सबसे पहले मशीन के इस्तेमाल से डिशवाशर बनाया। बता दें कि जोसेफीन एक अमीर महिला थीं। इन्हें अक्सर डिनर पार्टियां देनी होती थीं। ऐसे में कभी भी वह खुद बरतन साफ नहीं करती थीं, क्योंकि उनके पास बहुत से नौकर थे। इसके बावजूद वह चाहती थीं कोई ऐसी मशीन हो, जिससे बर्तन साफ करने का काम जल्द हो सके। तब जोसेफीन ने ऐसी मशीन बनाने का फैसला किया।2 . अदृश्य कांच :


कभी अदृश्य कांच के बारे में सोचा है कि किसने बनाया होगा इसको। बता दें कि 1935 में कैथरीन ब्लोगेट ने ऐसा एक तरीका विकसित किया, जिसकी मदद से मोनोमोलेकुलर यानी बेहद बारीक परत कांच या धातु पर एक बार में फैलाई जा सके। इन्होंने बैरियम स्टेरेट नाम के तत्व की 44 परतें कांच पर चढ़ाई। इससे कांच 99 प्रतिशत ट्रांसमिसिव हो गया। अब उनके इस प्रयोग से अदृश्य कांच पूरी तरह से इजाद हो गया।6 . सरक्यूलर सॉ ब्लेड :

अमेरिका में टूल बनाने का काम करती थीं टैबिथा बैबिट। 1813 में मीलों में इस्तेमाल किए गए पहले घूमने वाले ब्लेड को बनाने का श्रेय इन्हीं को दिया जाता है। इनको लेकर ऐसा भी माना जाता है कि बैबिट ने ब्लेड में टीथ बनाने के तरीके को खोजने के साथ ही घुमने वाले ब्लेड में भी कई और सुधार किए। उनका बनाया गया पहला सरक्यूलर सॉ अलबेनी न्यूयॉर्क में रखा गया है।  7 . चॉकलेट चिप कुकीज़ : चॉकलेट चिप कुकीज तो आपमें से कई लोगों की फेवरेट होगी। बता दें कि इसकी खोज अचानक से हो गई थी। विश्वास करेंगे आप इस बात का, लेकिन ये सच है। 1930 में रूथ ग्रेव्स वेकफिल्ड चॉकलेट कुकीज बना रहीं थीं। यहां इन्होंने देखा कि उनके पास हमेशा इस्तेमाल होने वाली बेकर चॉकलेट तो खत्म हो गई है। अब इसके बाद इन्होंने नेस्ले की कम मीठी चॉकलेट को टुकड़ों में कुकीज बनाने के लिए इस्तेमाल किया। उनको ऐसा लगता था कि ये पिघलकर मक्खन के साथ मिक्स हो जाएंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बस ऐसे ही चॉकलेट चिप कुकीज की खोज हो गई। 8 . मोनोपॉली :  

एलीजाबेथ जे मैगी फिलिप्स नाम की इस महिला ने एक ऐसा गेम बनाया, जिसके इस्तेमाल से वह हेनरी जॉर्ज की सिंगल टैक्स थ्योरी को समझा सकें। इनके इस गेम पर आधारित बहुत सारे बोर्ड गेम्स आगे भी खोजे गए। इन गेम्स में किसी भी जमीन का खरीदना, बिकना और उसका विकास अपने आप में प्रमुख था।9 . कोबोल कम्प्यूटर लैंग्वेज : कम्यूटर के क्षेत्र में उपल्ब्धियों की बात हो तो, लोगों को अक्सर सिर्फ और सबसे पहले चार्ल्स बैबेज, एलन ट्यूरिंग और बिल गेट्स जैसे नाम ही जहन में आते हैं। इसके इतर क्या आपको मालूम है कि एडमिरल ग्रेस मुर्रे हॉपर को उनके कंप्यूटर इंडस्ट्री में दिए गए विशेष योगदान के लिए जाना जाता है। 1943 में हॉपर ने सेना ज्वॉइन कर ली थी। यहां वह आईबीएम के हार्वड मार्क आई कम्प्यूटर पर काम करती थीं। बता दें कि यह युनाइटेड स्टेट्स का पहला लार्ज-स्केल कम्प्यूटर था। बता दें कि वह दुनिया कि तीसरी ऐसी व्यक्ति थीं जिन्होंने इस कम्प्यूटर को प्रोग्राम किया। 1950 में हॉपर ने कॉपिलर की खोज की। इससे अंग्रेजी में दी जाने वाली कमांड कम्प्यूटर कोड में ट्रांसलेट हो जाती थीं। इस डिवाइस की मदद से प्रोग्राम ज्यादा कोड कम गलतियों के और अधिक सरलता के साथ बनाने लगे। 10 . कलर्ड फ्लैयर्स :
मार्था जेन कोस्टन। अपने दिवंगत पति के पेपर देखते समय इनको ऐसे नोट्स मिले, जिनमें नेवी यार्ड पर रात में सिग्नल दिए जाने के बारे में लिखा था। इसे पूरा पढ़ने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचीं कि उनके पति के अधूरे नोट्स में कुछ सुधार की ज़रूरत थी। दस साल तक मार्था ने अपने पति के लिखे नोट्स के आधार पर सिग्नल सिस्टम खोज निकालने की कोशिश की। इसके बाद 5 अप्रैल 1859 को उन्हें युनाइटेड स्टेट्स में पायरोटेक्निक नाइट सिग्नल और कोड के लिए एक पैटेंट नंबर सौंप दिया गया। ऐसे में अब अलग-अलग रंगों के कॉम्बिनेशन के इस्तेमाल से एक जहाज से दूसरे जहाज को और किनारे पर सिग्नल भेजना संभव हो गया।inextlive Desk from Spark-Bites

Posted By: Ruchi D Sharma