फैक्ट एंड फिगर

5-सिनेमा हॉल थे शहर में

8-सिनेमा हॉल हो चुके हैं बंद

2-मॉल में चल रहे हैं मल्टीप्लेक्स

1-सिनेप्लेक्स है बरेलियंस के लिए

बरेली:

बरेलियंस के मनोरंजन के पारंपरिक जरिए जो पहले थे, वह अब विलुप्त होते जा रहे हैं। बात अगर हम एक दशक भर पहले की करें तो पहले बरेलियंस के लिए आउटडोर गेम्स, सिनेमा हॉल, कठपुतली डांस और मेले आदि हुआ करते थे। वहीं अब इन सब की जगह इंटरनेट, मोबाइल आदि ने ले ली है। यूथ में जो क्रेज पहले सिनेमा हॉल में मूवी देखने का हुआ करता था, अब उसकी जगह पर सिनेप्लेक्स, मल्टीप्लेक्स और मॉल का क्रेज भी बढ़ा है। जिस कारण शहर के कई सिनेमा हॉल तो बंद तक हो गए और बदलते दौर में कुछ अपडेट होकर सिनेप्लक्स और मल्टीप्लेक्स में चेंज हो गए। वहीं अब मनोरंजन के लिए आउटिंग पर भी जाना लोगों को खूब भा रहा है।

विलुप्त होती गई परम्पराएं

दशक भर पहले की बात करें तो पहले लोगों के लिए मनोरंजन का साधन सामाजिक परंपराएं जैसे त्योहार, मेला, कठपुतली डांस, पार्क, सर्कस, जादूगर, साहित्यक व धार्मिक कार्यक्रम हुआ करते थे। इनमें रामलीला और कृष्ण लीला आदि स्वस्थ्य मनोरंजन का जरिया था, तो वहीं अब यह सब विलुप्त सा होता जा रहा है या फिर मात्र औपचारिकता भर रह गया है। इनका व्यवसायीकरण होने से मनोरंजन के ये पारंपरिक साधन अपना मूल स्वरूप खो रहे हैं।

पारंपरिक समरसता हो रही खत्म

शहर की बात करें तो दशक भर पहले सर्कस, मेला और जादूगर आदि लगता था जहां लोग परिवार के साथ जाना पसंद करते थे। वहीं सामाजिक मेले और आयोजन परंपरिक समरसता का जरिया था। इसके माध्यम से लोगों का मेलजोल भी होता था, लेकिन जैसे-जैसे इन परंपराओं से लोगों मोहभंग होना शुरू हुआ तो वहीं इससे आपस में मेल मिलाप भी कम हो गया।

बंद हो गए आधा दर्जन सिनेमा हॉल

शहर में जहां डेढ़ दर्जन करीब सिनेमा हॉल हुआ करते थे, लेकिन दशक भर की ही बात करें तो शहर में करीब आधे सिनेमा हॉल बंद हो चुके है। हांलाकि इस दौरान शहर में कई शॉपिंग मॉल और एक सिनेप्लेक्स और दो मल्टीप्लेक्स की संख्या भी है, जो बरेलियंस की पंसद भी है।

नाट्य विद्या को जीवंत कर रहा विंडर मेयर

बरेलियंस में पहले रामलीला और कृष्ण लीला आदि के माध्यम से मनोरंजन होता था। जो अब कुछ कम होता नजर आ रहा है लेकिन इसके बाद भी शहर का विंडर मेयर और संजय कम्यूनिटी हॉल में होने वाले रंगमंच जो आज भी नाट्य विद्या को जीवंत कर रहा है। विंडर मेयर में नाट्य विद्या में शामिल होने वाले कलाकारों का आज भी क्रेज देखते ही बनता है।

Posted By: Inextlive