बॉलीवुड अभि‍नेत्री स्‍वरा भास्कर ने तक़रीबन पांच सालों में अपनी काफ़ी पहचान बना ली है लेकिन वो ख़ुद को स्‍थापित अभी भी नहीं मानतीं.


टेलीविज़न धारावाहिकों जैसे ‘संविधान’ और फ़िल्में जैसे ‘तनु वेड्स मनु’, ‘रांझणा’ और ‘मछली’ में काम कर चुकी स्वरा फ़िल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ में फिर से नज़र आएंगी.वो इसमें भी कंगना रनौत की दोस्त का किरदार निभा रही हैं. पेश हैं इस मुलाक़ात के कुछ अंश.एक्टिंग का भूतदिल्ली में स्वरा इप्टा से जुड़ी थीं और नुक्कड़ नाटकों में काफ़ी सक्रिय रहीं. उन नाटकों में उनके अभिनय क्षमता को मिली तारीफ़ ही उन्हें मुंबई ले आई.मुंबई आना पहला चरण, दूसरा यहां रहने का इंतज़ाम करना, जो माता-पिता कि आर्थिक मदद से पूरा हो गया.कैसा रहा स्वरा का अनुभव: “मुंबई आना मेरे लिए कल्चरल शॉक रहा है. मेरे ड्रेसिंग सेंस से लेकर मेकअप तक के बारे में लोगों ने कई बातें की. एक बार तो किसी ने मेरे कुर्ते को पर्दा ही कह दिया था, काफ़ी बुरा लगा."


कॉलेज के दिनों को याद करते हुए स्वरा ने बताया, "पिछली क़तार में बैठ कर मैं उन लड़कियों का मज़ाक बनाती थी, जो मेकअप करके आती थीं, और आज मैं खुद ही वैसे रहती हूं. अब समझ आता है कि आपका रहन-सहन और पहनावा, आप क्या काम करते हैं इस बात पर निर्भर करता है."कास्टिंग-काउच

फ़िल्म जगत में हर नए कलाकार के साथ कास्टिंग काउच की बात कही जाती है. क्या स्वरा को भी इससे दो-चार होना पड़ा?हंसते हुए वो कहती हैं, “कोशिश तो हुई, लेकिन मैं समझ नहीं पाई.”ख़ुद को ‘ट्यूबलाइट' की संज्ञा देते हुए कहती हैं, “कई बार लोग इशारों में पूछते कि आप ‘और क्या कर सकती हैं?’, तब मैं अपनी अभिनय क्षमता की बारीकियां गिना देती लेकिन फिर मेरा चयन नहीं होता था."स्वरा एक क़िस्से को याद करते हुए बताती हैं, "एक जनाब ने मुझसे कई बार ‘आप क्या कर सकती हैं’ पूछा, मैंने एक-एक करके जवाब दिया. जब सारी ख़ासियतें गिना चुकी थी, तभी मुझे ध्यान आया कि अरे ये तो ‘कुछ और’ पूछ रहा है, तो मैंने उसे कहा मैं ‘सेक्स’ नहीं कर सकती. फिर वो मीटिंग उसी वक़्त ख़त्म हो गई और वो महाशय उठ कर चलते बने.”स्वरा यह बात मानती हैं कि इंडस्ट्री में काम मिलने के लिए पहचान ज़रूरी है, लेकिन कामयाबी के लिए क़ाबिलियत ही माएने रखती है. वहीं वो सिनेमा को सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज के लिए संदेश का ज़रिया भी मानती हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh