सोलहवीं लोकसभा में 314 यानि कि 58 फ़ीसदी सांसद पहली बार सदन में पहुंचे हैं। तीन दशक में सबसे ज़्यादा पहली बार सांसद लोकसभा में पहुंचे हैं।


लेकिन इस लोकसभा के सिर्फ़ 53 फ़ीसदी सदस्य 55 साल से कम उम्र के हैं, इस तरह यह देश की सबसे बूढ़ी लोकसभा बन गई है।लेकिन इस तथ्य से पहली बार सांसद बनने वाले नेताओं का उत्साह कम नहीं होता।बीबीसी संवाददाता इक़बाल अहमद ने अलग-अलग पार्टियों और अलग-अलग क्षेत्र के तीन युवा सांसदों से बात की।पढ़िए युवा सांसदों की बात उन्हीं की ज़ुबानी-चिराग़ पासवान, लोजपा, जमुई (बिहार)संसद में हमारी दो दिन की एक कार्यशाला हुई थी जिसमें बताया गया था कि आप पार्टी के ज़रिये क्या प्रावधान उठा सकते हैं और व्यक्तिगत रूप से क्या कर सकते हैं, फिर पार्टी के और पार्टी से इतर वरिष्ठ सांसद भी आपका मार्गदर्शन करते हैं।
चूंकि मैं राज्य की राजनीति से आई हूँ इसलिए यह देखकर भी अच्छा लगता है कि यहां पूरे भारत की छवि आपके सामने होती है- विभिन्न राज्यों की क्या ज़रूरतें हैं, क्या समस्याएं हैं।यह एक बहुत सीखने वाला अनुभव होता है।यह नीति निर्माण का सबसे बड़ा मंच है इसलिए अपने क्षेत्र की तरफ़ से हम देश के लिए बनने वाली नीतियों पर बहस कर सकते हैं और यह बहुत अच्छा अनुभव होता है।


सदन से बाहर आने के बाद हम पहली बार बने सांसद एक स्तर पर होते हैं और हम एक-दूसरे की मदद भी लेते हैं और सहायता भी करते हैं, एक-दूसरे के भाषण की तारीफ़ भी करते हैं।पहली बार सांसद बनने वालों में उत्साह तो बहुत होता है। वह सोचते हैं कि जो दूसरे सांसद नहीं कर पाए, वह हम करेंगे।अगर आप आउटपुट देखें तो सबसे ज़्यादा आउटपुट युवा सांसदों का ही है, चाहे वह बहस की बात हो, चाहे सवालों की बात हो, चाहे विधेयकों की बात हो।यह हिचक तो रहती ही है कि आपको पूरा देश देख रहा है और ख़ासकर वह वरिष्ठ सदस्य देख रहे हैं जिन्हें देखकर आप बड़े हुए हैं।यह घबराहट भी होती है कि कहीं कुछ ग़लत न हो जाए। उम्र और अनुभव ऐसी चीज़ है जिससे कोई पार नहीं पा सकता।एक दूसरी बात यह है कि ज़्यादातर सांसद आज कम से कम मास्टर्स डिग्री लेकर आए हैं और उन्हें ज़मीन पर मौजूद समस्याओं के बारे में भी पता है क्योंकि वह लोगों के बीच आते-जाते रहते हैं।

एक मज़ेदार वाक़या है। मैं जब पहली बार संसद में गया तो जींस पहनकर चला गया था। तो गेट पर गार्ड ने मुझे रोक दिया और पूछा कि सांसद कहां हैं?वह लोग भी चकरा गए थे कि यह सांसद है जो धोती-कुर्ता नहीं जींस पहनकर आया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh