- बसपा सुप्रीमो मायावती ने बताया जनता के पैसों की बर्बादी

- सपा ने एमओयू को बताया कागज के टुकड़े, निवेश पर किए सवाल

LUCKNOW:यूपी इंवेस्टर्स समिट के आयोजन को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी ने इसे लोकसभा चुनाव से पहले सूबे के युवाओं को बरगलाने की चाल बताया है, तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने समिट के आयोजन को जनता के पैसों की बर्बादी करार दिया है। सपा ने समिट के दूसरे दिन आयोजित सत्रों में मंत्रियों के हिस्सा न लेने पर भी निशाना साधा। वहीं कांग्रेस ने भी समिट के आयोजन में सैंकड़ों करोड़ रुपये खर्च करने का दावा करते हुए इसे फिजूलखर्ची बताया।

कितने जमीनी हकीकत पर खरे उतरेंगे

सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने निवेशकों का जो मेला आयोजित किया उसमें वादे तो बड़े-बड़े हुए, लेकिन उसमें कितने जमीनी हकीकत में उतरेंगे और कितने दाखिल-दफ्तर हो जाएंगे, कहना मुश्किल है। एक ओर भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए विज्ञापन और शहर की साफ -सफाई तथा सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च कर वाहवाही लूटने की कोशिश की, वहीं भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस वाराणसी में अपने प्रदर्शन के बाद मेरठ में तीन लाख से ज्यादा स्वयंसेवकों को जुटाकर अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है। एक्सप्रेस वे, चारलेन की चौड़ी सड़कें और सुरक्षा के लिए यूपी 100 सेवा की प्रशंसा उद्यमी आनंद महिंद्रा ने भी की। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इन कामों को स्वीकार न करना भाजपा का विरोधाभासी आचरण है। वैसे भी प्रदेश में निवेशक मेला में जैसी अव्यवस्था पहले दिन से ही दिखाई पड़ी और निवेशकों का यहां की नौकरशाही से जैसा पाला पड़ा उससे यह एक तमाशा ही साबित होने वाला है।

समिट का आयोजन करना बना फैशन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट का आयोजन करना आजकल फैशन बन गया है। इसके नाम पर भाजपा सरकार सरकारी धन पानी की तरह बहाती है जबकि जनता की इस गाढ़ी कमाई से गरीबों, मजदूरों और बेरोजगारों को बड़ी राहत दी जा सकती है। इससे लाखों किसानों का कर्ज भी माफ किया जा सकता है। हाल के अनुभवों को देखकर लगता है कि इंवेस्टर्स समिट का आयोजन कर सरकार महंगाई व बेरोजगारी इत्यादि समस्याओं से लोगों को ध्यान हटाना चाहती है। यह बीजेपी सरकारों द्वारा 'खाओ-पकाओ' का अच्छा साधन भी बन गया है। कहा कि महाराष्ट्र आदि कई राज्यों के बाद यूपी सरकार पर भी इंवेस्टर्स समिट का बुखार चढ़ गया है जबकि जिस प्रदेश में कानून-व्यवस्था सही नहीं होती, वहां कोई भी उद्योगपति उद्योग लगाना घाटे का सौदा समझता है। उन्होंने कहा कि यह एमओयू महज कागज के टुकड़े हैं।

कांगे्रस ने भी घेराबंदी

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पांडे ने कहा कि उन्नाव में एक दलित परिवार की 19 वर्षीय बालिका को वीभत्स तरीके से जलाकर हत्या कर दी गयी जो यूपी सरकार एवं प्रधानमंत्री के बयान को नकारा साबित करती है। करीब दस लाख बोर्ड के परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। दिखावे के लिए तमाम निवेशक यूपी बुलाये गये जिस पर सैकड़ों करोड़ रुपये का नाजायज खर्च किया गया।

Posted By: Inextlive