बच्चों को पालना बच्चों का खेल नहीं है. कहने का मतलब यह है कि बच्चों को पढ़ा-लिखाकर बड़ा करने में पैरेंट्स की कमर टेढ़ी हो जाती है. दरअसल जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं उनकी जेब पर बोझ भी बढ़ता जाता है. बच्चों की पॉकेट मनी एजूकेशनल एक्सपेंसेज हॉलीडे एक्सपेंसेज इंटरटेनमेंट एक्सपेंसेज और उनकी हॉबी पर होने वाले इन एक्सपेंसेज की लिस्ट कभी न खत्म होने वाली साबित होती है. ऐसे में बतौर पैरेंट्स अपने बच्चों को स्ट्रांग फ्यूचर देने के लिए आप क्या कदम उठाएंगे? उनके फ्यूचर को कैसे सिक्योर करेंगे? जानिए हमारी इस रिपोर्ट में.


उठाएं छोटे-छोटे कदम जब आप पहली बार पैरेंट्स बनते हैं तो फैमिली से जुड़े लोग और दोस्त बधाइयों के साथ कैश भी गिफ्ट में देते हैं. यह थोड़ा जल्दी जरूर है, लेकिन बच्चे के फ्यूचर को सिक्योर करने की दिशा में यहीं से पहला कदम उठा सकते हैं. इसके अलावा भी कई तरीके हैं. आप सोने के सिक्के इकट्ठा करने की सोच सकते हैं, बैंक में अकाउंट खोल सकते हैं, रिकरिंग डिपॉजिट शुरू कर सकते हैं, एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड और पीपीएफ में इनवेस्टमेंट कर सकते हैं. इन सभी ऑप्शंस से आप बच्चे के एडल्ट होने तक काफी रकम इकट्ठा कर सकते हैं, लेकिन इनमें इंश्योरेंस की सिक्योरिटी नहीं होती है जिससे आपके बच्चे के फाइनेंशियल फ्यूचर की सिक्योरिटी गारंटीड हो.अपनाएं स्ट्रक्चर्ड प्लान
कुछ स्ट्रक्चर्ड प्लान भी हैं, जो बच्चे के फ्यूचर के लिए प्लानिंग बनाने की जरूरत पूरी करते हैं. ये खासतौर से इंश्योरेंस कंपनियों के हैं और कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम भी हैं. ये सभी ऑप्शन किसी न किसी तरीके से आपको बढ़ते बच्चे की मांग पूरी करने में मदद करेंगे. इनमें ज्यादा पॉकेट मनी, ज्यादा कपड़े, फोन के बढ़े हुए खर्च, भारी ट्यूशन फीस और कई अन्य खर्च शामिल हैं. एजूकेशन का अरेंजमेंट


ज्यादातर पैरेंट्स बच्चों के फ्यूचर के लिए भले ही कई चीजों में कटौती करें, लेकिन उनकी एजूकेशन को लेकर वे बहुत ज्यादा कमिटेड होते हैं. उनकी इच्छा होती कि उनका बच्चा नामी स्कूल में पढ़े और उसे बेस्ट एजूकेशन मिले. ऐसे में बच्चे की प्राइमरी एजूकेशन से लेकर कॉलेज में दाखिले और हॉयर एजूकेशन के लिए आपको पहले ही प्लानिंग बनाने की जरूरत है. अगर आपका बच्चा हायर एजूकेशन के लिए विदेश जाना चाहता है तो आपको काफी पैसे की जरूरत पड़ेगी.

Posted By: Garima Shukla