IPL 2020 में दिल्ली कैपिटल्स के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन ने वो कारनामा कर दिया जो आईपीएल इतिहास में पहले कोई नहीं कर सका। धवन ने इस सीजन दो मैचों में लगातार दो शतक जड़ दिए। ऐसा करने वाले वह पहले बल्लेबाज हैं। शिखर वैसे तो काफी सीनियर क्रिकेटर हैं मगर क्रिकेट की दुनिया में गब्बर बनने से पहले उनकी एक अलग कहानी थी। आइए जानते हैं।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज हैं। आईपीएल में वह दिल्ली कैपिटल्स की टीम का हिस्सा है। पिछले सीजन वह सनराइजर्स हैदराबाद में थे। फ्रेंचाइजी कोई भी हो, धवन का बल्ला रुकने का नाम नहीं लेता। एक खुशमिजाज व्यक्तिक्व वाले धवन ने क्रिकेट करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे। उन्होंने अपने करियर की जब पहली सीढ़ी चढ़ी तो वहीं फिसल गए। उस वक्त गब्बर को लगा कि अब क्रिकेट नहीं खेलना है। इसलिए उन्होंने दूसरा विकल्प ढूंढ निकाला और मैदान में बल्ला छोड़ बन गए सेल्समैन।

पिता ने नहीं करने दिया बिजनेस
क्रिकेटर बनने का नशा उतरने के बाद धवन का सामना जमीनी हकीकत से हुआ। अगर क्रिकेटर नहीं बने तो जिंदगी में आगे क्या करना है। चूंकि गब्बर के घर पर सभी छोटा-मोटा बिजनेस करते थे। शिखर को भी लगा अब क्रिकेट में किस्मत नहीं चमकी तो फैमिली बिजनेस में हाथ आजमाया जाए। मगर उनके पिता ने ऐसा करने से मना कर दिया। धवन के पिता नहीं चाहते थे कि वह कम उम्र से ही बिजनेस में मन लगाए। क्रिकेट का बल्ला छोड़ चुके गब्बर को जब पिता से भी निराशा हाथ लगी तो वह अपने रिश्तेदार के पास पहुंचे।

10 साल का हुआ इंटरनेशनल करियर
धवन को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हुए 10 साल हो गए। साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धवन को वनडे डेब्यू का मौका मिला था। इसके बाद वह लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे। धवन के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाॅइंट साल 2013 की चैंपियंस ट्राॅफी रही, यहां गब्बर के बल्ले से जमकर रन निकले। इसके बाद इस बल्लेबाज ने मुड़कर पीछे नहीं देखा। क्रिकइन्फो पर मौजूद डेटा के मुताबिक, शिखर के नाम 136 वनडे मैचों में 45.14 की औसत से 5688 रन दर्ज हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 17 शतक और 29 अर्धशतक भी दर्ज हैं। टेस्ट की बात करें तो धवन ने 34 मैच खेलकर 40.61 की औसत से 2315 रन बनाए इसमें सात शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari