कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने राजस्थान के खिलाफ मैच विनिंग पारी खेली। रिंकू काफी समय से आईपीएल का हिस्सा हैं मगर उन्हें पहचान इस सीजन मिली। आपको बता दें रिंकू की क्रिकेट जर्नी काफी संघर्षों से भरी रही है।

मुंबई (आईएएनएस)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इतिहास में कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने सालों संघर्ष के बाद कड़ी मेहनत से किस्मत बदली है। उन्हीं में से एक कोलकाता नाइट राइडर्स के रिंकू सिंह हैं जिन्होंने सोमवार को राजस्थान राॅयल्स के खिलाफ 23 गेंदों में नाबाद 42 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें छह चौके और एक छक्का लगाकर केकेआर को सात विकेट से जीत दिलाई। नाबाद 42 रन और दो कैच लेने के लिए, रिंकू को 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया। यह उनके आईपीएल में पहला पुरस्कार है।

पांच साल से खेल रहे आईपीएल
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्में 24 वर्षीय रिंकू सिंह को आईपीएल स्टार बनने के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ा। रिंकू को किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) ने 2017 में चुना था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। उन्हें 2018 की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रुपये में चुना था। वह 2021 तक केकेआर के साथ रहे, जब उन्हें घुटने की चोट के कारण आईपीएल से बाहर कर दिया गया और बाद में गुरकीरत सिंह मान ने उनकी जगह ली। हालांकि उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। केकेआर ने उन्हें इस साल फरवरी में आईपीएल 2022 के लिए फिर से खरीदा। और इस सीजन में, उन्हें कई मैच खेलने को मिले और हर बार इस बल्लेबाज ने प्रभावित किया।

बीसीसीआई कर चुका है बैन
आईपीएल 2022 में रिंकू ने अब तक गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 (28 गेंद), दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 23 (16) और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ नाबाद 42 (23 गेंद) का स्कोर बनाया है। तीन अच्छी पारियों के साथ, रिंकू ने कम से कम अगले कुछ मैचों के लिए केकेआर प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह पक्की कर ली है। रिंकू के करियर में कई अप-डाउन रहे हैं। साल 2019 में अबू धाबी में एक टी 20 टूर्नामेंट में खेलने के चलते बीसीसीआई ने तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया था। रिंकू इन सभी झटकों से उबरे, घरेलू स्तर पर उत्तर प्रदेश के लिए रनों का अंबार लगा दिया और धीरे-धीरे सफलता हासिल की।

पोछा लगाने का मिला था काम
बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज, रिंकू, एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता गैस सिलेंडर देने वाली एक घरेलू गैस एजेंसी के लिए काम करते हैं। ऐसे में घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रही। अपने पिता को पांच लाख रुपये का कर्ज चुकाने में मदद करने के लिए रिंकू अपने दैनिक भत्तों से पैसे बचाते थे। रिंकू के लिए यह इतना कठिन दौर था कि एक समय में उन्होंने क्रिकेट छोड़ने और सफाई कर्मी का काम करने का निर्णय लिया। अपने परिवार की आय में योगदान करने के लिए रिंकू को एक कोचिंग सेंटर में झाड़ू और पोछा लगाने का काम मिला। बाद में रिंकू ने अपने क्रिकेट पर फोकस करने का फैसला किया और कड़ी मेहनत करते गए।

रणजी ट्राॅफी में बनाए खूब रन
जैसे ही रिंकू को यूपी रणजी ट्रॉफी टीम में जगह मिली। उनकी किस्मत बदल गई। रणजी मैचों में मिलने वाली मैच फीस काफी ज्यादा है। इससे रिंकू को अपने परिवार की बेहतर देखभाल करने में मदद मिल रही है। रिंकू फर्स्ट क्लाॅस क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए पिछले कुछ सालों में चर्चा का विषय हैं। 2018-19 सीजन में रिंकू ने 10 मैचों में 953 रन बनाए। अब तक उन्होंने फर्स्ट क्लाॅस क्रिकेट में 46 पारियों में 2307 रन बनाए हैं, जिसमें पांच शतक और 16 अर्द्धशतक शामिल हैं। 41 लिस्ट ए मैचों में, रिंकू ने 1,414 रन (एक शतक और 12 अर्द्धशतक) जोड़े हैं और टी 20 क्रिकेट में, उन्होंने 64 मैचों में 138.5 की स्ट्राइक रेट और 24.56 की औसत से 1,081 रन बनाए हैं।

अलीगढ़ से आईपीएल खेलने वाले पहले खिलाड़ी
इस आईपीएल लगातार परफाॅर्म कर रहे रिंकू सिंह अपने गृहनगर का नाम आईपीएल के नक्शे पर रखने में गर्व महसूस कर रहा है। सोमवार को मैच विनिंग पारी खेलने के बाद रिंकू ने कहा, "मैं अलीगढ़ से आईपीएल खेलने वाला पहला व्यक्ति हूं, हालांकि कई ने रणजी ट्रॉफी खेली है। आईपीएल में जो दबाव है वह फर्स्ट क्लाॅस क्रिकेट में नहीं है। पांच साल हो गए हैं, मुझे नियमित रूप से मौके नहीं मिल रहे हैं। अब योगदान करने के लिए अच्छा लग रहा है।' हालांकि रिंकू का असली टारगेट टीम इंडिया में खेलना है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari